कोरोना की तीसरी लहर को रोकेगी हेल्थ केयर टीम, कम हुए मरीज, ऑक्सीजन की मांग घटी

कोरोना की तीसरी लहर को रोकेगी हेल्थ केयर टीम, कम हुए मरीज, ऑक्सीजन की मांग घटी

Tejinder Singh
Update: 2021-05-29 11:50 GMT
कोरोना की तीसरी लहर को रोकेगी हेल्थ केयर टीम, कम हुए मरीज, ऑक्सीजन की मांग घटी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने फुलप्रूफ तैयारी शुरू कर दी है। कौशल विकास विभाग के माध्यम से ऐसे लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो अस्पतालों में सेवा दे सकेंगे। अस्पतालों में इन्हें हेल्थ केयर का 100 से 1000 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेवाकाल के दौरान इन्हें स्टाइपेंड भी मिलेगा। यह जानकारी जिलाधीश रवींद्र ठाकरे ने दी है। जिलाधीश ने कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए मैनपावर की काफी जरूरत पड़ेगी। स्वास्थ्य सेवा में मैनपावर की कमी न पड़े, इसलिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार के 6 व राज्य सरकार के 55 ऐसे कुल 61 पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण संबंधित उम्मीदवारों को दिया जाएगा। कौशल विकास विभाग इसकी नोडल एजेंसी है। 8वीं से लेकर स्नातक तक शिक्षा वाले इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ‘महा स्वयं’ एप पर जाकर 1 जून से रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद प्रशिक्षण शुरू होगा। जिस अस्पताल में 20 से ज्यादा बेड हैं, वे अस्पताल इस महा स्वास्थ्य अभियान में शामिल हो सकते हैं। इन अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का लाभ भविष्य में रोजगार के लिए होगा। आईएमए के डा. संजय देवतले व विदर्भ हॉस्पिटल एसोसिएन के डा. अनूप मरार ने इस अभियान को अभिनव उपक्रम बताते हुए अपना सहयोग जाहिर किया है। 

कम हुए मरीज, ऑक्सीजन की मांग घटी

जिले में जैसे-जैसे कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है, वैसे-वैसे ऑक्सीजन की मांग भी घट रही है। पिछले महीने जिले में 150 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड थी, जो अब घट कर 40 से 70 मीट्रिक टन के बीच में आ गई है। नागपुर में ऑक्सीजन का स्टॉक ज्यादा होने से जिला प्रशासन ने उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। जिले में कोरोना संक्रमण घटने से आेडिशा के अंगुल से ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई है, लेकिन भिलाई से अभी भी ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। अब नागपुर पहुंच रही ऑक्सीजन अन्य जिलों में भेजी जा रही है। जिले में अभी 400 मीट्रिक टन से ज्यादा का ऑक्सीजन का स्टॉक है। सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए उद्योगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी थी। अब जिला प्रशासन ने डिमांड कम होने से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने का हवाला देते हुए उद्योगों को आपूर्ति करने में कोई हर्ज नहीं होने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।

टैंकर मंगाकर दूसरे जिलों की जरूरत पूरी : जिले में हर रोज लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन 86 से 88 मीट्रिक टन होता है, वहीं एयर सेपरेशन की क्षमता 50 मीट्रिक टन की है। आवश्यकता कम होने से एयर सेपरेशन का उत्पादन 32-33 टन होता है। अन्य जिलों की आवश्यकता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा हर दो-तीन दिन बाद 4 टैंकर मंगाए जा रहे हैं। यह आपूर्ति दूसरे जिलों में की जाती है।

प्रस्ताव भेजा है

रवींद्र ठाकरे, जिलाधीश ने कहा कि अभी पर्याप्त ऑक्सिजन उपलब्ध है। इसकी डिमांड घटकर करीब 40 मीट्रिक टन तक हो गई है। उद्योगों से भी ऑक्सीजन की मांग हो रही है। ऐसे में उद्योगों को ऑक्सीजन देने संबंधी प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। फैसला सरकार को करना है।

ऑक्सीजन की मांग घटी है

ड्रग इंस्पेक्टर सतीश चव्हाण के मुताबिक जिले में ऑक्सीजन की मांग घट चुकी है। वर्तमान में यह मांग करीब 70 टन आ चुकी है। यहां की बची हुई ऑक्सीजन के साथ ही बाहर से मंगाई गई ऑक्सीजन दूसरे जिलों में भेजी जा रही है। पहले दूसरे राज्यों से रोज टैंकर मंगाए जाते थे, अब 2-3 दिन बाद आ रहे हैं। फिलहाल ऑक्सीजन को लेकर जिले में कोई समस्या नहीं है।

 

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