टैक्स के मूल्यांकन को चुनौती देने वाली भुजबल की याचिका खारिज

हाईकोर्ट टैक्स के मूल्यांकन को चुनौती देने वाली भुजबल की याचिका खारिज

Tejinder Singh
Update: 2021-12-20 11:20 GMT
टैक्स के मूल्यांकन को चुनौती देने वाली भुजबल की याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के अन्न व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने आयकर विभाग के टैक्स के मूल्यांकन की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। साल 2019 में आयकर विभाग ने भुजबल को नोटिस जारी कर कहा था कि उनका वित्त वर्ष 2012—3 में 3 करोड़ रुपए का मूल्यांकन छूट गया था। भुजबल ने इस नोटिस को चुनौती दी थी। अदालत ने आयकर विभाग के वकील के उस दावे को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल होने के बाद भुजबल इसे अदालत में चुनौती नहीं दे सकते। न्यायमूर्ति के आर श्रीराम ने अपने आदेश में कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि क्या यह भरोसा करने लायक है कि आय का मूल्यांकन छूट गया था क्या अधिकारी के पास इसके लिए वास्तविक जीचें हैं।

अदालत ने कहा कि अगर एक बार वास्तविक स्थित सामने आने के बाद पुनर्मूल्यांकन शुरू होने के बाद अदालत के लिए मामले की जांच रोकने के आदेश देना ठीक नहीं होगा। मामले में यह साफ किया गया है कि किस जानकारी के आधार पर पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है। अदालत ने भुजबल के वकील के गोपाल के उस दावे का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा कि आयकर आयुक्त की जिम्मेदारी है कि वे तथ्यों के आधार पर फैसले करे और लापरवाही से कोई फैसला न लें। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि आदेश देने से पहले दिमाग पर जोर नहीं डाला गया। आयकर विभाग ने सितंबर 2019 में दावा किया था कि भुजबल ने अपनी आय करीब 4 लाख बताई थी लेकिन उन्हें इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी कि फर्जी कागजात के आधार पर आय छिपाई गई। भुजबल पर केएस चमणकर इंटरप्राइजेज को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है।

 

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