NRI पर भी लागू होगा है हिन्दू मैरिज एक्ट, मैनचेस्टर कोर्ट में चल रहे तलाक के मामले पर HC की रोक 

NRI पर भी लागू होगा है हिन्दू मैरिज एक्ट, मैनचेस्टर कोर्ट में चल रहे तलाक के मामले पर HC की रोक 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-30 14:05 GMT
NRI पर भी लागू होगा है हिन्दू मैरिज एक्ट, मैनचेस्टर कोर्ट में चल रहे तलाक के मामले पर HC की रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पति के मैनचेस्टर (यूके) स्थित घर से निकाली गई एक भारतीय महिला को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि भले ही पति ब्रिटेन का नागरिक व रहवासी हो, लेकिन उसने हिंदू-रीति रिवाज के तहत मुंबई में शादी की है, इसलिए उस पर हिंदु विवाह अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं। यह बात कहते हुए हाईकोर्ट ने पीड़ित पत्नी के पति की ओर से मैनचेस्टर कोर्ट में शुरु की गई तलाक की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

जस्टिस आरडी धानुका ने यह फैसला सुनाते हुए साफ किया कि पति ने पत्नी के यूके में रहने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं और उसे कोई गुजारा भत्ता भी नहीं मिल रहा है। पत्नी वित्तीय रुप से इतनी सक्षम नहीं है कि वह मैनचेस्टर (यूके) की कोर्ट में कानूनी रुप से अपना बचाव कर सके। इसलिए हम पत्नी की ओर से मैनचेस्टर की कोर्ट में जारी तलाक की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग को स्वीकार करते हैं। 

मामले से जुड़े दंपत्ति का 12 दिसंबर 2012 को मुंबई में हिंदू-रीति-रिवाज से विवाह हुआ था और मीरा-भायंदर महानगरपालिका में दोनों ने अपनी शादी का पंजीयन भी कराया। शादी के पांच दिन बाद पति अपनी पत्नी को यूके बुलाने का वादा करके मैनचेस्टर चला गया। वीजा प्रक्रिया पूरी होने के बाद पत्नी 14 जुलाई 2013 मैनचेस्टर पहुंची तो वहां पति व उसकी बेटियों (पहली शादी से जन्मी) ने बदसलूकी शुरु कर दी। 

सुनवाई के दौरान पत्नी की वकील ने जस्टिस धानुका के सामने कहा कि घर में स्थिति इतनी बिगड़ गई की उसे मैनचेस्टर के होटल में रहना पड़ा और सिर्फ 15 दिन तक पति ने होटल का खर्च का वहन किया। इसके बाद जितने दिन मेरी मुवक्किल वहां रहीं उसने अपना सारा खर्च खुद वहन किया। इसके बाद मजबूरन उसे मुंबई लौटकर आना पड़ा। कुछ समय बाद उसे यूके में एक नौकरी मिल गई, लेकिन मेरे मुवक्किल के पति ने पुलिस को सूचना दी और कहा कि उसने अपनी पत्नी से दूरी बना ली है और वह उसे कोई सहयोग नहीं करता। इसके बाद मैनचेस्टर पहुंचने के बाद मेरी मुवक्किल को दूसरी फ्लाइट से फिर मुंबई लौटना पड़ा। इस बीच इंग्लिश पर्सनल कानून के तहत पति ने मैनचेस्टर कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर कर दी, जिसमें कहा गया कि उसकी पत्नी का आचरण इतना गंदा है कि वह उसके साथ नहीं रह सकता है। इसके साथ ही उसकी शादी खत्म हो चुकी है। 

पत्नी की वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की शादी मुंबई मे हिंदू-रीति रिवाज से हुई है। इसलिए इस मामले में इंग्लिश पर्सनल कानून लागू नहीं होता। यह मामला हिंदू विवाह कानून के दायरे में आता है। मेरे मुवक्किल ने ठाणे कोर्ट में एक याचिका दायर की है। क्योंकि वह यूके नहीं जा सकती है। इसके अलावा मेरे मुवक्किल ने अपने पति के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं दर्ज कराया है। जबकि पति के वकील ने कहा कि मुवक्किल यूके में जन्मे हैं, वे वहां के नागरिक व रहवासी है। इसलिए उन पर हिंदू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है। जस्टिस ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाया और मैनचेस्टर कोर्ट में जारी तलाक की कार्रवाई पर रोक लगा दी। 

Similar News