सदन : अब नगरसेवक चुनेंगे नगराध्यक्ष, ओवर लोडिंग वाले वाहनों के खिलाफ होगी कार्रवाई

सदन : अब नगरसेवक चुनेंगे नगराध्यक्ष, ओवर लोडिंग वाले वाहनों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Tejinder Singh
Update: 2020-02-28 16:02 GMT
सदन : अब नगरसेवक चुनेंगे नगराध्यक्ष, ओवर लोडिंग वाले वाहनों के खिलाफ होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद ने शुक्रवार को नगर पालिका परिषद अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन पर रोक वाले विधेयक को पारित कर दिया। शुक्रवार को राज्य के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने सदन में यह विधेयक पेश किया। इस दौरान शिंदे ने कहा कि पहले कई उम्मीदवारों के वार्ड बनाने और नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने का प्रावधान था। हम इसे हटाना चाहते हैं और इसके लिए संशोधन विधेयक पेश किया गया है। जिससे ‘एक वार्ड-एक नगरसेवक’ की नीति पर चुनाव होगा। हालांकि भाजपा ने विधेयक का विरोध किया है। विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों को अपनी पसंद का महापौर और नगर पालिका परिषद अध्यक्ष चुनने का अधिकार दिया था। जबकि इस विधेयक के पारित होने से निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने बीच से महापौर और नगर पालिका परिषद चुनने का अधिकार मिल जाएगा। संशोधन के पक्ष में बहुमत के आधार पर सदन ने विधेयक को पारित कर दिया। 
 
अकोला के एसपी का तबादला, दो पुलिस अधिकारी निलंबित

अकोला में एक नाबालिग लड़की के लापता होने के मामले में लापरवाही बरतने पर अकोला के पुलिस अधीक्षक अमोघ गावकर का तबादला कर दिया गया है। जबकि इस मामले में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। शुक्रवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में यह जानकारी दी। गृहमंत्री ने बताया कि नाबालिग लड़की के लापता मामले में लापरवाही बरतने वाला अकोला शहर के सिविल लाईंस पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी भानु प्रताप मडावी और प्रणिता कराडे को निलंबित किया गया है। जबकि पुलिस अधीक्षक अमोघ गावकर का तबादला कर दिया गया है। अकोला में रहने वाले किरण ठाकुर की बेटी पिछले छह महीने से लापता है। उन्होंने मामले में अकोला के सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी लेकिन आरोप है कि पुलिस ने मामले में ठीक से जांच नहीं की। परेशान ठाकुर ने मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया। पुलिस वालों ने अदालत को भी जवाब नहीं दिया तो मामले में एसपी गावकर को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए गए। लापता लड़की के परिजनों को परेशान करने के आरोप में दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। ठाकुर ने पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और गृहमंत्री देशमुख से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि अदालत का दरवाजा खटखटाने और मीडिया के पास जाने से नाराज एसपी उन्हें बार बार धमका रहे हैं। 

ओवर लोडिंग वाले वाहनों के खिलाफ होगी कार्रवाईः परब

प्रदेश में क्षमता से अधिक माल की ढुलाई करने वाले (ओवर लोडिंग) वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल परब ने यह आश्वासन दिया। परब ने कहा कि क्षमता से अधिक माल ढुलाई करने वाले वाहनों की जांच के लिए चेक नाकों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ओवर लोडिंग वाले वाहन चालकों के लाइसेंस रद्द करने की संभावना पर भी विचार किया जाएगा। इस बारे में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी। परब ने कहा कि राज्य में होने वाले सड़क हादसे को लेकर अध्ययन कर रहा हूं। इससे मेरी समझ में आ रहा है कि क्षमता से अधिक माल ढुलाई के कारण हादसे होते हैं। इससे सड़कें भी खराब होती हैं। शुक्रवार को ध्यानाकर्षण प्रस्तावके जरिए विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने नाशिक के सौंदाणे-देवला मार्ग पर टायर फटने के कारण एसटी बस और रिक्शा के टकराने के कारण हुए हादसे को लेकर सवाल पूछा था। दरेकर ने कहा कि नाशिक के हादसे में रिक्शा सवार जिन यात्रियों की मौत हुई उनके परिजनों को भी 10 लाख रुपए की मदद मिलनी चाहिए। इसक पर  परब ने कहा कि एसटी बस में सवार जिन यात्रियों की मौत हुई है उनके परिजनों को 10 लाख रुपए की मदद देने का फैसला किया गया है। एसटी महामंडल के पास ऐसा कोई नियम नहीं होने के बावजूद रिक्शा सवार मृतकों के परिजनों को विशेष प्रस्ताव के तहत 2-2 लाख रुपए देने का फैसला किया गया है। एसटी महामंडल इससे अधिक पैसे नहीं दे सकता। रिक्शा की क्षमता 5 यात्रियों की थी लेकिन उसमें 9 लोग सवार थे। परब ने कहा कि एसटी बस के कारण रिक्शा अथवा अन्य वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मतृक के परिजनों को 10 लाख रुपए की मदद देने के संबंध में नीतिगत फैसला करने के लिए एसटी के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद कोई अंतिम फैसला होगा। एक सवाल के जवाब में परब ने कहा कि राज्य में एसटी की शिवशाही बसें नई खरीदी गई हैं। इसलिए शिवशाही की बसों में पुराने इंजन लगाए जाने का सवाल ही नहीं उठता। 

जातिगत जनगणना के लिए प्रधानमंत्री से मिलेगा सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडल

साल 2021 में होने वाली जनगणना जाति आधारित करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में यह बात कही। कांग्रेस के विकास ठाकरे ने औचित्य के मुद्दे के तहत जाति आधारित जनगणना की मांग केंद्र सरकार द्वारा खारिज करते हुए जवाबी खत भेजने का मामला उठाया था।  इस पर विपक्ष समेत सभी दलों के सदस्यों ने सही आंकड़ा न होने के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को योजनाओं का उचित फायदा न मिलने की बात स्वीकार करते हुए राज्य में जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार को निर्देश दिया कि सदस्यों की भावनाओं को देखते हुए इससे जुड़ी मांग को लेकर सरकार सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करे। जवाब में पवार ने कहा कि सत्र खत्म होते ही वे मुख्यमंत्री से चर्चा कर प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए समय लेने की कोशिश करेंगे। ओबीसी मंत्री विजय वडेट्टीवार और गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आह्वाड ने राज्य में स्वतंत्र जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की जिससे ओबीसी समाज की जनसंख्या पता चले और उनके फायदे के लिए योजनाएं बनाई जा सकें। खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने महाराष्ट्र विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार विधानसभा ने भी जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव पास किया है। महाराष्ट्र में ओबीसी समाज की 350 उपजातियां हैं और आबादी के 54 फीसदी लोग ओबीसी समाज के हैं। साल 1931 तक देश में जाति आधारित जनगणना होती थी। भुजबल ने कहा कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी साल 2004 में जाति आधारित जनगणना के लिए राजी हुए थे और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया था। लेकिन जनगणना ग्रामीण विकास विभाग ने किया और उनके आंकड़े गलत थे इसलिए इसे जारी नहीं किया गया।

प्रधानमंत्री भी हैं ओबीसी

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओबीसी समाज से हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर दखल देने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनगणना से जुड़े केंद्र के अधिकारियों ने नियमों के मुताबिक जवाब दिया है यह नीतिगत फैसला है इसलिए प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर मुलाकात किया जाना जरुरी है। 

देश में 7200 ओबीसी उपजातियां

राज्य सरकार ने इसी साल विशेष अधिवेशन के दौरान जाति आधारित जनगणना की मांग करते हुए प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था। केंद्र सरकार की ओर से इसका जवाब आया है जिसे विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने सदस्यों को पढ़कर सुनाया। जवाब में कहा गया है कि केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक देश में ओबीसी समाज की 6285 उपजातियां हैं लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों के मुताबिक ओबीसी उपजातियों की संख्या 7200 है। कई परेशानियों का हवाला देते हुए जाति आधारित जनगणना में असमर्थता जताई गई है। शिवसेना के आशीष जैस्वाल, सुनील प्रभू, भाजपा के योगेश सागर ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया। 

‘मैंने कहा था पद के लिए किसी के सामने हाथ नहीं जोडूंगा’

विधान परिषद में विपक्ष का नेता न सके भाजपा विधायक सुजित ठाकुर का दर्द शुक्रवार को सदन में छलका। शुक्रवार को सदन में एक विधेयक पर चर्चा के दौरान ठाकुर ने कहा कि जिस वक्त पार्टी के भीतर विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद को लेकर चर्चा हो रही थी, मैं लातूर में था। मुझे भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहब दानवे ने फोन किया। उन्होंने मुझसे पूछा कि आप कहां पर हैं । मैंने उन्हें बताया कि मैं लातूर में हूं। इस पर दानवे ने कहा कि आप लातूर में क्या कर रहे हैं आप हमारे पास आइए। यहां पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद को लेकर आपके नाम की चर्चा चल रही है। ठाकुर ने कहा कि मैंने दानवे से कह दिया कि मुझे विधान परिषद में विपक्ष का नेता नहीं बनाया गया तो भी चलेगा लेकिन मैं किसी के सामने पद के लिए हाथ जोड़ने नहीं आऊंगा। भाजपा विधायक के इस बयान पर प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने ठाकुर पर तंज कसा। पाटील ने ठाकुर से कहा कि आप ने हाथ नहीं जोड़ा इस कारण आपको विधान परिषद में विपक्ष का नेता नहीं बनाया गया। इससे साबित होता है कि भाजपा में हाथ जोड़े बिना पद नहीं मिलता है। आप प्रदेश भाजपा के महासचिव भी हैं। पार्टी की इस पद्धति को खत्म करने के लिए महासचिव के नाते कुछ करिए। जवाब में ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने मुझे हाथ जोड़े बिना विधान परिषद का टिकट दिया। पार्टी ने मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता का हमेशा सम्मान किया है।  
 

 

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