तीन साल के मासूम की मौत के मामले में झोला छाप डॉक्टर गिरफ्तार, भेजा गया जेल
तीन साल के मासूम की मौत के मामले में झोला छाप डॉक्टर गिरफ्तार, भेजा गया जेल
डिजिटल डेस्क सतना। इंजेक्शन लगने के 24 घंटे बाद 3 वर्ष के मासूम की मौत के 21 माह पुराने मामले में रामपुर बाघेलान पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर झोला छाप डॉक्टर पवन तरफदार पुत्र मकरचंद्र तरफदार 42 वर्ष निवासी रामपुर को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश किया,जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
क्या है मामला
गौरतलब है कि 24 सितंबर 2018 को 3 वर्षीय प्रिंस आदिवासी पुत्र विपिन निवासी डेगरहट नई बस्ती की तबियत खराब होने पर उसे लेकर बाबा पप्पू आदिवासी 55 वर्ष तुरंत निजी वाहन से रामपुर बाघेलान कस्बे में तहसील मोड़ के पास संचालित दीप क्लीनिक पहुंचे, जहां डॉक्टर पवन तरफदार ने तेज बुखार होने पर बच्चे को नहलाया और इंजेक्शन लगाकर गोली भी खिलाई। इसके बाद दवा देकर घर भेज दिया, मगर मासूम की हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई, तब परिजन अगले दिन फिर से प्रिंस को क्लीनिक ले आए। उसकी हालत देखकर आरोपी डॉक्टर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया, परंतु अस्पताल पहुंचने के पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी।
और तब हुई कायमी
तब परिजनों के आरोप को देखते हुए पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया और बिसरा जब्त कर फॉरेसिंक लैब सागर भेज दिया। लगभग 21 माह तक चली जांच में मिले साक्ष्यों, लैब की रिपोर्ट, सीएमएचओ के प्रतिवेदन और जिला अभियोजन अधिकारी से सलाह लेने के बाद 6 जुलाई को रामपुर थाने में आईपीसी की धारा 304 एवं मध्यप्रदेश आयुष विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया। इसी के साथ 24 घंटे की भीतर ही आरोपी डॉक्टर पवन तरफदार को हनुमानगंज स्थित मेडिकल स्टोर से गिरफ्तार कर मंगलवार दोपहर को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में टीआई मनोज सोनी के साथ एसआई अनिरुद्ध प्रसाद मिश्रा, एएसआई आरके शुक्ला, प्रधान आरक्षक तुलसी रावत और आरक्षक नीतिश यादव ने अहम भूमिका निभाई।