कृषिमंत्री ने कहा- किसानों के साथ शिष्टाचार से पेश आएं बीमा कंपनियां, मोबाईल लैब पर होही खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच

कृषिमंत्री ने कहा- किसानों के साथ शिष्टाचार से पेश आएं बीमा कंपनियां, मोबाईल लैब पर होही खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच

Tejinder Singh
Update: 2019-07-03 16:14 GMT
कृषिमंत्री ने कहा- किसानों के साथ शिष्टाचार से पेश आएं बीमा कंपनियां, मोबाईल लैब पर होही खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अब दूध और खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब (चलता-फिरता खाद्य जांच प्रयोगशाला) के जरिए हो सकेगी। बुधवार को राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में प्रदेश के खाद्य व औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री जयकुमार रावल ने राज्य के पहले फूड टेस्टिंग लैब का उद्धाटन किया। इस मौके पर रावल ने कहा कि राज्य में जल्द ही एक और मोबाईल लैब उपलब्ध होगा। मुंबई के लिए स्वतंत्र फूड टेस्टिंग लैब बनाया जाएगा। चलते-फिरते लैब में एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विश्लेषक और चिकित्सक की टीम कार्यरत रहेगी। मोबाइल वैन भीड़भाड़ और खाद्य पदार्थ बेचे जाने वाले इलाकों में जाकर खाद्य सुरक्षा और खाद्य मिलावट के बारे में लोगों को जागरूक भी करेगी। इस मोबाईल लैब से दूध, चीनी, तेल, मधु की मिलावट, चाय के पावडर में होने वाली रंगों की मिलावट, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांच, फलों की गुणवत्ता जांच, फलों में रासायनिकीकरण समेत अन्य पदार्थों की जांच की जा सकेगी। रावल ने खाद्य पदार्थों में मिलावट से जुड़ी शिकायतों के लिए नागरिकों से हेल्प लाइन नंबर 1800222365 पर शिकायत करने का आह्वान किया है। 

किसानों के साथ शिष्टाचार से पेश आएं बीमा कंपनियां

प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने बीमा कंपनियों को किसानों से शिष्टाचार के साथ पेश आने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बीमा से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए तहसील और जिला स्तर पर सुविधा केंद्र शुरू करने को कहा है। उन्होंने बीमा कंपनियों को किसानों की शिकायतों के निपटारे के लिए प्रतिनिधियों की नियुक्ति करने का आदेश दिया। बुधवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, विधायक सुरेश धस, पुनर्वसन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष माधव भंडारी और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हित के लिए है। योजना को लागू करते समय बीमा कंपनियों को किसानों की सुविधा के लिए उपाय करने चाहिए। फसल बीमा योजना के शिकायतों के निपटारे के लिए तहसील स्तर पर तहसील कृषि अधिकारी और जिला स्तर पर कृषि अधीक्षक स्तर पर सुविधा केंद्र की व्यवस्था बनाई जएगी। इन सुविधा केंद्रों पर बीमा कंपनी अपने प्रतिनिधि नियुक्त करेंगे। यहां पर पिछले साल की शिकायतों का संज्ञान भी लिया जाएगा। बोंडे ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत औसत उत्पादन और जोखिम स्तर तय करने संबंधी मापदंड में बदलाव के लिए केंद्र सरकार से मांग की जाएगी। 


 

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