जिन्ना हाउस में बनेगा इंटरनेशनल सेंटर, विदेश मंत्री ने विधायक लोढा को दी सूचना 

जिन्ना हाउस में बनेगा इंटरनेशनल सेंटर, विदेश मंत्री ने विधायक लोढा को दी सूचना 

Tejinder Singh
Update: 2018-12-19 15:23 GMT
जिन्ना हाउस में बनेगा इंटरनेशनल सेंटर, विदेश मंत्री ने विधायक लोढा को दी सूचना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का कभी मुंबई स्थित घर रहा जिन्ना हाउस अब अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडलों के साथ बैठकों के काम आएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह जानकारी मलबार हिल के विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा को लिखे एक पत्र में दी है। लोढा लंबे समय से देश के विभाजन के दुखद प्रतिक जिन्ना हाऊस को अपने सरकार द्वारा कब्जे में लेने की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस बारे में विदेश मंत्रालय को निर्देश दे दिये गए हैं। स्वराज ने इस पत्र में कहा है कि विदेश मंत्रालय द्वारा जिन्ना हाउस का मालिकाना हक लेने की प्रक्रिया जारी है। पिछले सात साल से विधायक लोढ़ा इस बारे में लगातार सरकार से मांग कर रहे थे। उन्होंने विधानसभा में भी यह मांग कई बार उठाई थी। 
 
विदेश मंत्री स्वराज ने विधायक लोढ़ा के लिखे पत्र में जानकारी दी है कि नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाऊस में उपलब्ध सुविधाओं की तरह जिन्ना हाऊस को विकसित कर उसे नवीन स्वरूप देने और उसकी पुनर्रचना करने का निर्देश प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) से उन्हें मिला है। साथ ही जिन्ना हाउस का हस्तान्तरण विदेश मंत्रालय को करने की स्वीकृति भी प्रधान मंत्री कार्यालय ने दे दी है। विधायक लोढ़ा ने विदेश मंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी कि जिस जिन्ना हाउस में बैठकर भारत विभाजन का षड़यंत्र रचा गया, वह कई सालों से कबाड़ बना पड़ा है। सरकार उसे अपने कब्जे में लेकर वहां सुविधाएं स्थापित करके गतिविधियां शुरू करे। विदेश मंत्री ने विधायक लोढ़ा के पत्र के जवाब में यह जानकारी दी है।

विदेश मंत्री ने अपने पत्र में विधायक लोढ़ा को जानकारी दी है कि जिन्ना हाऊस को नवीन स्वरूप देने और पुनर्रचना के लिए आवश्यक कारवाई आने वाले दिनों में शुरू की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस भारत सरकार द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के दौरे में विशिष्ट बैठकों और उनके साथ भोज आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है। जिन्ना हाउस के बारे में सरकार में चली लंबी प्रक्रिया का जानकारी देते हुए श्रीमती स्वराज ने इस पत्र में कहा है कि स्वतंत्रता के पश्चात 1982 तक ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा जिन्ना हाऊस का उपयोग किया जाता रहा। इसके पश्चात जिन्ना हाउस केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग (सीपीडब्ल्युडी) के अन्तर्गत आया। तत्कालीन प्रधान मंत्री की स्वीकृती पर सन 1988 में शहरी विकास मंत्रालय ने सीपीडब्ल्युडी को आदेश दिए कि जिन्ना हाऊस को इंडियन काउन्सिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) को सौंप दिया जाए।

सन 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने जिन्ना हाऊस में सांस्कृतिक केन्द्र स्थापना करने का निर्णय लिया। इस तरह, 4 फरवरी 1997 को जिन्ना हाऊस आईसीसीआर को हस्तान्तरित किया गया एवं जिन्ना हाऊस को सार्क के उप प्रादेशिक केन्द्र के रूप में रुपान्तरित करने का निर्णय लिया गया। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने सन 1936 में मुंबई के पॉश इलाके मलबार हिल में अपने रहने के लए इस इमारत को बनवया था। पहले इसका नाम साउथ कोर्ट था और इस पर करीब दो लाख रुपए की लागत आई थी। ब्रिटिशकालीन इंडों गोथिएक वास्तु प्रणाली का बना जिन्ना हाउस कुल ढाई एकड़ में फैला है। जिन्ना ने अपने आलीशान शौक के मुताबिक इस इमारत को अत्यंत भव्य बनाने के लिए इसमें अखरोट की लकड़ी और इटालियन मारबल का उपयोग किया था। 

 

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