डकैतठोकिया गैंग के 13 सदस्यों को आजीवन कारावास

15 साल बाद यूपी के बांदा जिले की विशेष डकैती कोर्ट ने सुनाया फैसला, एसटीएफ के 6 जवानों की हत्या का मामला डकैतठोकिया गैंग के 13 सदस्यों को आजीवन कारावास

Abhishek soni
Update: 2022-06-30 17:24 GMT
डकैतठोकिया गैंग के 13 सदस्यों को आजीवन कारावास

डिजिटल डेस्क सतना। दुर्दांत दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ  ठोकिया गिरोह के 13 सदस्यों को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की एडीजे तृतीय विशेष डकैती कोर्ट सुश्री नुपुर की अदालत ने गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी अभियुक्तों को मामले में दोषी मानते हुए 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जिन डकैतों को सजा सुनाई गई है उनमें धर्मेन्द्र प्रताप उर्फ  नरेन्द्र, रामबाबू पटेल, किशोरी लाल पटेल, कल्याण सिंह, धनीराम पटेल, शिवनरेश पटेल, नत्थू पटेल, अशोक पटेल, ज्ञान सिंह, चुनबाद पटेल, देवशरन, शंकर और रामप्रसाद के नाम शामिल हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302 और धारा 34 दस्यु प्रभावित अधिनियम और 10/12एडी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध था।
ददुआ की मौत का बदला लेने किया था नरसंहार
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ  के जवानों ने 21 जुलाई 2007 की सुबह चित्रकूट के जंगलों में डाकू ददुआ को उसके 10 साथियों के साथ मार गिराया था। इस मुठभेड़ में ठोकिया का दाहिना हाथ लमझगड बाबा मार दिया गया था। इसका बदला लेने के लिए दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ  ठोकिया गिरोह ने 22 जुलाई 2007 की रात एसटीएफ  के 6 जवानों और एक मुखबिर को घात लगाकर फतेहगंज थाने के बघोलन तिराहा के जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुठभेड़ में एसटीएफ  जवान ड्राइवर ईश्वर देव सिंह, उमाशंकर, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, राजेश सिंह चौहान, बृजेश यादव और गिरीशचंद्र नागर की मौत हो गई थी। सामूहिक हत्याकांड में 16 डकैतों को नामजद किया गया था। इनमें दो की मौत हो चुकी है। हत्याकांड में पुलिस ने 56 गवाह बनाए थे। 29 गवाहों ने गवाही दी।

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