पुलिस ने मांगी घूस, अस्पताल से भगाया, आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर आदिवासी परिवार

पुलिस ने मांगी घूस, अस्पताल से भगाया, आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर आदिवासी परिवार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-17 09:35 GMT
पुलिस ने मांगी घूस, अस्पताल से भगाया, आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर आदिवासी परिवार

डिजिटल डेस्क, उमरिया। पहले तो पुलिस ने एक आदिवासी के साथ हुई लूट और मारपीट की घटना की FIR लिखाने के लिए घूस मांगी, फिर उमरिया के अस्पताल में दाखिल होने पर डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। घटना 14 अगस्त यानी आजादी की पूर्व संध्या की है। इसके बाद उसे अपने मासूम बच्चों समेत खुले आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर होना पड़ा। गले दिन मीडिया के सक्रिय होते ही अस्पताल प्रबंधन होश में आया। पुलिस अधीक्षक डॉ. आसित यादव खुद अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने मरीज से हाल-चाल पूछताछ चौकी प्रभारी को फटकार लगाई। उसकी हालत देख तत्काल इलाज की व्यवस्था करवाई।

रमेश के साथ गांव में लूट और मारपीट की घटना हुई थी। खून से लहूलुहान फरियादी जान बचाकर अमरपुर चौकी FIR लिखाने पहुंचा, जहां उससे आवेदन तो ले लिया गया, लेकिन FIR के लिए पहले 5 हजार रुपए मांगे गए। हद तो तब हो गई जब 70 किमी. दूर उमरिया पहुंचने पर डॉक्टर ने बिना FIR वार्ड में भर्ती करने से मना कर दिया। आधी रात को अपने दो मासूमों के साथ फरियादी को पूरी रात खुले आसमान में गुजारनी पड़ गई। अ

प्रधानमंत्री आवास की राशि लूटी

घायल रमेश के भाई मनोरिंग ने बताया रमेश की पत्नी का स्वर्गवास हो गया है। घर में तीन बच्चों को वह मेहनत मजदूरी कर पालता है। 14 अगस्त को वह प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत मकान के लिए किश्त लेने गया था। घर न होने पर अपनी जमा पूंजी बड़े भाई घर असोढ़ में इकट्ठा कर रहा था। सोमवार को 20 हजार लेकर गांव टिकुरी अमरपुर पहुंच रहा था, इसी दौरान अशोक बर्मन पिता सुदामा सहित पांच से छह लोगों ने अकेले रमेश को बीच रास्ते में रोक लिया। गले में हथियार अड़ाकर पैसे छीन लिये। मारपीट में उसके गले व चेहरे को नुकसान पहुंचा है। देर रात घर न लौटने पर छोटे भाई ने तलाश शुरू की और लहूलुहान हालत में फरियादी को घर लेकर आया। मंगलवार सुबह अपनी व्यथा व लूट की शिकायत लेकर अमरपुर चौकी पहुंचे।

CMHO की भी नहीं सुनते कर्मचारी

जिला अस्पताल में यूं तो बेबस, बेसहारा मरीजों के साथ उपेक्षा का कोई नया मामला नहीं है। हद तो तब हो गई, जब बुधवार सुबह अस्पताल गेट के बाहर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने खुद रमेश को भीतर इलाज के लिए भेजा। अंदर वार्ड में पहुंचने पर न तो कोई स्वास्थ्य कर्मचारी सुनने के लिए था न किसी ने उसे भर्ती करवाया। इसी दौरान डॉक्टर प्रजापति वहां से गुजरे। लोगों ने उनसे पीडि़त को देखने व भर्ती के लिए आगृह किया, जिस पर उन्होंने पूर्व में इलाजरत डॉक्टर से दिखाने की सलाह दे चलते बने। उमरिया के एसपी डॉ. आसित यादव ने कहा कि अमरपुर चौकी प्रभारी को शिकायत के संबंध में तलब किया गया है। लापरवाही मिलने पर जिम्मेदारी तय की जायेगी। अस्पताल में इलाज की देरी के संबंध में मैं सीएमएचओ से बात करूंगा।

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