डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-16 15:56 GMT
डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

डिजिटल डेस्क, उमरिया। जिला अस्पताल में एक महिला की प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव हो जाने से मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण नवविवाहिता की मौत हुई है।

हालत बिगड़ने पर किया रैफर
जिला अस्पताल में बुधवार को प्रसव उपरांत 25 वर्षीय विवाहिता की नवजात शिशु समेत मृत्यु हो गई। महिला को डिलीवरी के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग की शिकायत हो गई थी। वहीं नवजात शिशु के जन्म उपरांत उसके गले में नाल लिपटी हुई थी। इन्हीं कारणों से डॉक्टरों ने दोनों को गंभीर हालत में कटनी रैफर कर दिया, जहां रास्ते में ही मृत्यु हो गई है। संगीता पति हितेश प्रजापति निवासी विकटगंज बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा की जांच कराने जिला अस्पताल आई थी। इसी दौरान उसे तेज दर्द की शिकायत शुरु हो गई। परिजनों ने अस्पताल में डॉक्टरों को इसकी जांच करवाई। महिला की हालत देखते हुए डॉक्टरों ने जांच उपरांत दोपहर को ऑपरेशन किया। प्रसूता को ब्लीडिंग की शिकायत शुरु हो गई। डॉक्टरों से जब महिला की स्थिति अनियंत्रित हो गई तो उन्होंने दोनों को गंभीर हालत में कटनी रैफर कर दिया, जहां देर शाम दोनों की रास्ते में ही मौत हो गई।

बिगड़ती चली गई हालत
आरएमओ डॉ. सदीप सिंह ने बताया मृतिका संगीता प्रजापति को डिलेवरी के दौरान ब्लीडिंग कंट्रोल नही हो पाई, इसलिए उसकी मौत हो गई। डिलीवरी डेट फरवरी निर्धारित की गई थी। जांच के बाद पता चला उसे लेबर पेन था। इसके बाद महिला की डिलेवरी कराई गई। प्रसव उपरांत बच्चे के गले में नाल लिपटी हुई थी। संभवत: यही कारण था कि कुछ मेडिकल कंडीशन ऐसी बनी की उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और मृत्यु हो गई वहीं परिजनों का कहना है कि मृतिका को यदि समय पर उपचार मिल जाता, तो उसकी जान बचायी जा सकती थी। चिकित्सकों ने उसका इलाज न करते हुए कटनी रैफर कर दिया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इस मामले की जांच कराये जाने की भी मांग की है।

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