नीमच: भोपाल की हो गई चिकनकारी अब नीमच में सीएसवी अग्रोहा भवन में मृगनयनी का उत्सव

नीमच: भोपाल की हो गई चिकनकारी अब नीमच में सीएसवी अग्रोहा भवन में मृगनयनी का उत्सव

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-02-03 08:40 GMT
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डिजिटल डेस्क, नीमच। लखनऊ की चिकनकारी काफी प्रख्यात है। कपडों में बारीक कारिगरी हर महिला की पसंद होती है। मूलतः लखनऊ की चिकनकारी जब भोपाल में आई तो हर किसी की खास पसंद बन गई। सीएसवी अग्रोहा भवन में चिकनकारी का वर्क खूब पसंद किया जा रहा है। संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा निगम लिमीटेड भोपाल का आयोजन प्रारंभ हो चुका है जो 13 फरवरी तक चलेगा। चिकनकारी के बारे में भोपाल के कारिगर इकबाल खान ने बताया कि यह वर्क लखनऊ का ही है, लकिन उनकी भाभी जब लखनऊ से भोपाल आई तो उन्होंने अपना हुनर इस प्रकार बिखेरा कि लखनऊ की सीमा के बाहर अब हर किसी की जुबां पर कपडे पर चिकनकारी का नाम चढ गया। चिकन वर्क पूरी तरह से हाथ से किया जाने वाला बारिक काम है।

जिसे उनकी भाभी ने भोपाल में आकर जब शुरू किया तो अब हस्तशिल्प विकास निगम ने इसको आगे बढाने का बखूबी काम किया है। यह काम साडी, सलवार सूट, दुपट्टे पर किया जा रहा है। यह एम्ब्रायडरी का काम कई रंगों और कई डिजाइनों में किया जा रहा है। नीमच के सीएसवी अग्रोहा भवन में नीमच के पंसद करने वालों के लिए विशेष तैयार माल लेकर आए हैं। कॉटन, सिवान पर यह वर्क बहुत ही उभरता है। इसमें हर आम और खास वर्ग की रेंज अनुसार वेरायटियों में माल है। शादी, विवाह तथा अन्य किसी भी आयोजन में आजकल चिकनकारी का अपना जलवा है। इकबाल भाई ने कहा कि फैशन के प्रति जागरूकता रखने वाली युवतियां, महिलाओं का यह काम विशेष रूप से पसंद आएगा।

मेला प्रभारी दिलीप सोनी ने कहा कि मेले में भोपाल के चिकनवर्क के अलावा लगभग 50 से ज्यादा कारिगर अपना माल लेकर आए हैं। यह मेला 13 फरवरी तक सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक सभी के लिए खुला है।

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