उमरिया: बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर ग्राम पंचायत डगडौआ में कार्यक्रम संपन्न समाज बिरसा मुंडा व्यक्तित्व एवं कृतित्व को अपने जीवन मे उतारें - मंत्री मीना सिंह

उमरिया: बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर ग्राम पंचायत डगडौआ में कार्यक्रम संपन्न समाज बिरसा मुंडा व्यक्तित्व एवं कृतित्व को अपने जीवन मे उतारें - मंत्री मीना सिंह

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-11-16 09:44 GMT
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डिजिटल डेस्क, उमरिया। उमरिया बिरसा मुंडा का जन्म 1875 ई . में झारखंड राज्य राँची में हुआ था। बिरसा मुंडा भारत के एक आदिवासी स्वन्त्रता सेनानी और लोक नायक थे जिनकी ख्याति अंग्रजो के खिलाफ स्वंतत्रता संग्राम में काफी हुई थी। 25 वर्ष के जीवन मे उन्होंने इतने मुकाम हासिल कर लिए की आज भी भारत की जनता उन्हे याद करती हैं। बिरसा के पिता का नाम सुगना मुंडा तथा उनकी माता का नाम करमी हटू था। उन्होंने चाई बासा के जर्मन मिशन स्कूल में शिक्षा ग्रहण की । अंग्रेज सरकार ने विद्रोह का दमन करने के लिए 3 फरवरी 1990 को मुंडा को 460 आदिवासियों के साथ गिरफ्तार कर लिया जब वे जंगल मे सो रहे थे । 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्य मयी तरीके से म्रत्यु हो गई । उक्त उदगार आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने जनपद पंचायत करकेल के ग्राम पंचायत डग डौआ में आयोजित बिरसा मुंडा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त की । उन्होंने बिरसा मुंडा की मूर्ति स्थापित करने हेतु जमीनं का दान करने वाले नत्थू कोल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ब्रिटिश हुकुमत खिलाफ बिरसा मुंडा जी ने लोगो की सुरक्षा के लिए अनेको लड़ाई लड़ी हैं । समाज को बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलने की जरूरत हैं । हमे उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से शिक्षा लेनी चाहिए। क्योकि जिस उम्र में हम अपनी जिंदगी जीने का प्रयास करते हैं उस उम्र में बिरसा मुंडा ने दुनिया मे नाम कमा लिया था। सुश्री मीना सिंह ने कहा कि बच्चों को आवश्यक रूप से स्कूल भेजे । सरकार द्वारा बच्चों को छात्र वृत्ति, गणवेश, मध्यान भोजन के साथ ही निःशुक सायकल प्रदान कर रही । सरकार हर वर्ग के लिए कार्य कर रही हैं। सुश्री मीना सिंह ने नर्तक दलों की प्रशंसा करते हुए कहा की आदिवासी कला को संरक्षित किया जाए । इस दौरान उन्होंने जिला अनूप पुर के पिपरहा से आये दल द्वारा गुदुम एवं उमरिया जिले के ग्राम करनपुरा द्वारा शैला की प्रस्तुति में मंत्री सु श्री मीना सिंह ने दोनों दलों को मंत्री स्वेछा अनुदान निधि से 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिलीप पांडेय ने कहां की बिरसा मुंडा का जीवन से समाज को शिक्षा लेनी चाइये। जिन्होंने छोटी सी उम्र में अनेको कार्य किये। आज पूरे भारत मे उनको जय जय कार हो रही हैं ।बिरसा मुंडा आदिवासी नेता और लोक नायक थे। वर्तमान भारत मे रांची और सिंह भूमि के आदिवासी बिरसा मुंडा को अब बिरसा भगवान कहकर बुलाते हैं। मुंडा आदिवासियों को अंग्रेजो के दमन के विरूद्ध खड़ा करके बिरसा मुंडा ने यह सम्मन अर्जित किया। बिरसा मुंडा हमारे आराध्य हैं । इस अवसर पर विधायक बांधवगढ़ श्री शिव नारायण सिंह, नगर पालिका पाली अध्यक्ष पाली ऊषा कोल, नगर परिषद नौरोजाबाद अध्यक्ष सुमन गोटिया, जमीन दान करने वाले नत्थू कोल एवं उनकी पत्नी, सुदाम विष्वकर्मा, मनीष सिंह, अशोक तिवारी,, बहादुर सिंह,राजेश सिंह, इंद्रपाल सिंह, तीरथ साहू, डगडौआ सरपंच हीरा बाई सहित एस डी एम पाली नेहा सोनी, एस डी ओ पी श्री जाट, अधीक्षक भू अभिलेख विनय मूर्ति शर्मा सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे । गुदुम में शैला नृत्य ने बंटोरी तालिया बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर डगडौआ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिला अनूपपुर के ग्राम पिपरहा से आये 15 से 20 कलाकारो गुदुम तथा उमरिया जिले करनपुरा ग्राम से आये दलों ने शैला नृत्य प्रस्तुत कर खूब तालिया बंटोरी। विदित हो कि अनूपपुर के ग्राम पिपरहा से आये दलो में राजेश कुमार, बालचंद्र, प्रमोद, संजय, साबिद, बृजलाल , शिव प्रसाद, महेश कुमार , मोती लाल , शिव प्रसाद, कैलाश, भूषण, बाल्मीक अपने कमर मे गुदुम बांधकर नाच रहे थे। इसी तरह कुछ साथी शहनाई, गफला, टिमकी, मजीरा बजा रहे थे। गुदुम एवं शैला नृत्य की उपस्थित जन समुदाय ने भूरि भूरि प्रशंसा की। आजाक मंत्री ने किया हितलाभ का वितरण कार्यक्रम में प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह ने लाडली लक्ष्मी योजना तथा वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत हक प्रमाण पत्र वितरित किया। इस दौरान मंत्री सुश्री मीना सिंह ने लाडली लक्ष्मी के तहत देविका पिता सनोद वर्मा माता सिलोचना वर्मा, दिव्यांशी पिता लवकेश माता स्वाती सिंह तथा श्रृष्टि पिता आकाश कोल माता अमृत कोल को लाडली लक्ष्मी योजना के तहत हितलाभ वितरित किया । इसी तरह वन अधिकार अधिनियम अधिनियम 2006 के तहत बम्मी बाई ग्राम कुरिहा, तेजभान सिंह, कुरिहा , बृजेंद्र सिंह, शंभू सिंह को हम प्रमाण पत्र वितरित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान बिरसा मुण्डा की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर विधि विधान से पूजा पाठ की गई।

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