हर 10 मिनट में एक ट्रेन, 24 में से 22 घंटे बंद ही रहता है मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक

सतना हर 10 मिनट में एक ट्रेन, 24 में से 22 घंटे बंद ही रहता है मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक

Ankita Rai
Update: 2022-02-05 10:49 GMT
हर 10 मिनट में एक ट्रेन, 24 में से 22 घंटे बंद ही रहता है मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक

डिजिटस डेस्क ,सतना। मुंबई -हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर शहर के अंदर स्थित मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक आम नागरिकों के लिए वर्षों से सिरदर्द बना हुआ है। यह रेल मार्ग किस कदर व्यस्त है, अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि २४ घंटे के दौरान ८० नियमित यात्री गाडिय़ों के अलावा लगभग ६० मालगाडिय़ां निकलती हैं। इतना ही नहीं इसी बीच इतनी ही साप्ताहिक गाडिय़ों का भी आना-जाना होता है। ऐसे में हर १० मिनट में एक गाड़ी के कारण मुख्त्यारगंज गेट २२ घंटे बंद रहता है। २४ घंटे में सिर्फ २ घंटे गेट खुलने के कारण बंद होने के बाद भी रेलवे फाटक को जैसे-तैसे पार करने की होड़ लगी रहती है। जानकारों को डर है कि ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सेतु निगम के दावे के मुताबिक उचेहरा,रामवन, हिनौती और बिरहुली में आरओबी के लिए मुख्यालय से तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है। 
 इस्टीमेट पर अटका है आरओबी :----
 मुंबई -हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर शहर के सबसे व्यस्ततम मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक 
पर ६८० मीटर लंबे ओवर ब्रिज के निर्माण के प्रस्ताव पर फिलहाल एक नया  इस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है, इससे पहले पिछले साल अगस्त में सेतु निगम ने २९.१४ करोड़ का  इस्टीमेट ड्राइंग -डिजायन के साथ मुख्यालय भोपाल भेजा था, लेकिन मुख्यालय को ड्राइंग-डिजायन रास नहीं आई। नई डिजायन २ माह पहले भेजी गई। ड्राइंग -डिजायन एपू्रव होने के बाद अब सेतु निगम के स्थानीय अधिकारी नए  इस्टीमेट पर मंथन कर रहे हैं। जानकारों ने बताया कि इससे पहले वर्ष २०१० में मुख्त्यारगंज रेलवे फाटक पर आरओबी के लिए ८ करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया था। तब व्यवस्थापन के लिए ४८ प्रभावित चिन्हित किए गए थे,मगर व्यवस्थापन में प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने के कारण मामला ठंडे बस्ते में बंद हो गया था।

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