14 वर्षों से अस्पताल में पड़ी महिला के इलाज के  लिए मिली फ्लैट बेचने की अनुमति

14 वर्षों से अस्पताल में पड़ी महिला के इलाज के  लिए मिली फ्लैट बेचने की अनुमति

Tejinder Singh
Update: 2020-11-15 12:10 GMT
14 वर्षों से अस्पताल में पड़ी महिला के इलाज के  लिए मिली फ्लैट बेचने की अनुमति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिमागी हालत ठीक न होने के चलते 14 सालों से इलाज करा रही एक महिला के रिश्तेदार (देवर) को उसका एक फ्लैट बेचने की इजाजत दे दी है। साल 2006 में सीने में दर्द की शिकायत के चलते महिला को सैफी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उसे हार्ट अटैक आया। जिसका उसके मस्तिष्क पर असर पड़ा।तब से वह अस्पताल में भर्ती है। फिलहाल वह अपनी संपत्ति की देख रेख करने में सक्षम नहीं है। उसका इलाज डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा है। 

59 वर्षीय महिला के इलाज में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। चूंकि अब इलाज के खर्च के लिए पैसों की कमी महसूस हो रही है। इसलिए उसके रिश्तेदार ने फ्लैट बेचने की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि महिला के माता-पिता का व पति का निधन हो गया है। महिला पूरी तरह से बिस्तर पर है। उसकी देखरेख के लिए 24 घंटे नर्स व डॉक्टर की जरूरत है। डॉक्टरों ने भी यह प्रमाणित किया है कि महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं है। 

याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि एक व्यक्ति महिला के कफ परेड स्थित फ्लैट को 19 करोड़ 51लाख में खरीदने की इच्छा जताई है। इसलिए याचिकाकर्ता की महिला के हित में उसका फ्लैट बेचने की इजाजत दी जाए। याचिकाकर्ता अपने 26 लाख रुपए भी महिला के इलाज में खर्च कर चुका है। याचिकाकर्ता ही अब महिला का उत्तराधिकारी है। इससे पहले फ्लैट बेचने के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन किया गया था लेकिन सत्र न्यायालय ने कहा था कि उसके पास यह अनुमति देने का अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने व महिला के इलाज से जुड़े दस्तावेज पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को महिला का फ्लैट बेचने की इजाजत दे दी। चूंकि इस मामले में जिलाधिकारी के अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी। इसलिए खंडपीठ ने जिलाधिकारी को शीघ्रता से एनओसी के आवेदन पर निर्णय लेने को कहा। खंडपीठ ने घर की बिक्री के बाद याचिकाकर्ता को पूरे मामले की जानकारी प्रोथोनोटरी को देने को कहा। 

 

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