अपहरणकर्ता ड्राइवर को छोड़ पीड़िता के पति पर दर्ज किया मामला, पुलिस का कारनामा
अपहरणकर्ता ड्राइवर को छोड़ पीड़िता के पति पर दर्ज किया मामला, पुलिस का कारनामा
डिजिटल डेस्क, सतना। सिटी कोतवाली पुलिस ने हाल ही में एक युवती को दिन दहाड़े अगवा करने वाले आरोपी आटो ड्राइवर को तो अभयदान दे दिया, लेकिन अपहरणकर्ता के चंगुल से छुड़ा ले जाने पर पुलिस ने पीड़िता के पति और उनके एक रिश्तेदार के खिलाफ अंतत: मुकदमा कायम कर लिया। अपने किस्म के अनोखे इस सनसनीखेज सच ने महिलाओं से अत्याचार के विरुद्ध सतना पुलिस की पोल खोल दी है?
यह है पूरा मामला
विगत 14 जून को दोपहर साढ़े 4 बजे एक विवाहिता युवती ने राजेन्द्रनगर स्थित स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास इलाज के लिए जाने के लिए धवारी स्थित साईंमंदिर के पास से आटो पकड़ा। तकरीबन 20 मिनट बाद युवती डॉक्टर को दिखाने के बाद जब वापस लौटी तो आटो के साथ ड्राइवर वहीं क्लीनिक के सामने पहले से मौजूद था। ड्राइवर ने उसे वापस छोड़ देने की पेशकश की तो वो राजी हो गई। आटो जब धवारी तिराहे के पास पहुंचा तो आटो ड्राइवर ने ये कह कर आटो सिटी कोतवाली की तरफ मोड़ दिया कि उसे एक सामान उठाना है।
आरोप है कि जब ड्राइवर आटो को सिटी कोतवाली से आगे नजीराबाद की ओर तेजी से भगाने लगा तो युवती ने विरोध करना शुरु कर दिया, लेकिन आटो ड्राइवर पर कोई फर्क नहीं पड़ा। बदले में उसने जब आटो की स्पीड और भी बढ़ा दी जो युवती ने अपने पति को फोन लगा कर वस्तु स्थिति बताई। उसके पति ने भी फौरन अपने तमाम रिश्तेदारों को फोन किए। इन्हीं रिश्तेदारों में से एक शुभेन्द्र पांडेय शिब्बू और युवती के पति ने मिल कर जब आटो का पीछा किया तो आटो अंतत: सतना नदी के तिराहे के पास अमरपाटन रोड पर पकड़ में आ गया। युवती के पति और उनके रिश्तेदार को आता देख ड्राइवर स्टार्ट आटो छोड़कर मौके से भाग गया। शुभेन्द्र पांडेय आटो लेकर सिटी कोतवाली पहुंचे।
आरोप हैं कि थाने में मौजूद तबके टीआई राघवेन्द्र द्विवेदी ने फरियादी महिला की लिखित शिकायत के बाद भी ये कह कर एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया कि मामला मोटर व्हीकल एक्ट का है। टीआई ने फरियादी महिला और उसके पति को इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस से संपर्क करने की नसीहत भी दे डाली। टीआई की इस अड़ी पर जब फरियादी की तरफ से लोग बढ़े तो मुंशी रावेन्द्र मिश्रा ने वारदात में शामिल बगैर नंबर के आटो और चाबी जब्त करते हुए लिखित शिकायत रिसीव कर पिंड छुड़ाने की कोशिश की। मुंशी ने आटो और चाबी की जब्ती की टिप भी शिकायत पर बाकायदा दर्ज कर दी। मगर,ये किस्सा यहीं खत्म नहीं हुआ।
तस्दीक में सामने आया नाम
युवती के अपहरण की कोशिश की वारदात में शामिल बगैर नंबर के आटो की जब्ती के बाद तस्दीक की कवायद चली। सिटी कोतवाली के आरक्षक बृजेश सिंह के साथ फरियादी युवती के पति और उनके रिश्तेदार शुभेन्द्र पांडेय जब आटो लेकर शाम 6 बजे धवारी तिराहे पर पहुंचे तो अन्य आटो ड्राइवर ने आटो को देखते ही बताया कि आटो शैलेन्द्र शुक्ला उर्फ शीला निवासी कुलगढ़ी का है। चाबी से आटो की डिग्गी खोली गई तो उसमें मौजूद कागजातों से भी इस बात की पुष्टि हो गई कि आटो का मालिक शैलेन्द्र शुक्ला है।
बावजूद इसके जब अपहरण की कोशिश के इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध कायमी नहीं की तो फरियादी युवती अगले दिन यानि 15 जून को फरियाद लेकर एसपी राजेश हिंगणकर के दफ्तर पहुंच गई। एसपी के नहीं मिलने पर शिकायत एडीशनल एसपी आरएस प्रजापति से की गई। एडीशनल एसपी ने लिखित शिकायत रिसीव कराई और सिटी कोतवाल राघवेन्द्र द्विवेदी से पूछताछ की। आरोप है कि टीआई ने एडीशनल को ये कह कर गुमराह कर दिया कि आपस के झगड़े में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका है। बात तो आई-गई हो गई, लेकिन किस्सा अभी भी खत्म नहीं हुआ।
21 दिन बाद बदल गई मामले की तस्वीर
मामला ठंडा पड़ते देख सिटी कोतवाली के तब के टीआई राघवेन्द्र द्विवेदी ने तकरीबन एक हफ्ते बाद जब्त आटो छोड़ दिया। पुलिस सूत्र बताते हैं कि आटो को छोड़ने के लिए 7 दिन का वक्त इसलिए लिया गया, क्योंकि कोतवाली में लगे सीसीटीवी फुटेज एक हफ्ते बाद खत्म कर दिए जाते हैं। इन्हीं सूत्रों का कहना है कि नियमों के तहत जब्त आटो को रिलीज करने का पावर पुलिस को नहीं कोर्ट को है। जब्त आटो को छोड़ने के बाद अपहरण की नाकाम कोशिश के इस संगीन मामले में 5 जुलाई को अचानक उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब सिटी कोतवाली के आरक्षक बृजेश सिंह का फोन फरियादी महिला के पति के अलावा उनके रिश्तेदार शुभेन्द्र पांडेय के पास पहुंचा।
आटो की तस्दीक में शामिल रहे इस आरक्षक ने फोन पर शुभेन्द्र पांडेय से कहा कि आटो ड्राइवर के परिजन थाने में मौजूद हैं और उन पर शैलेन्द्र शुक्ला के अपरहण का आरोप लगा रहे हैं। इधर शुभेन्द्र पांडेय सिटी कोतवाली पहुंचे और उधर, गजब की फुर्ती दिखाते हुए डायल-100 फरियादी युवती के पति की तलाश में निकल पड़ी। शुभेन्द्र के साथ पुलिस फरियादी युवती के घर पहुंची तो उसके पति घर पर ही मौजूद थे। कुल मिलाकर आटो ड्राइवर के अपहरण की कहानी फेल हो जाने पर इसी दिन रहस्यमयी अंदाज में कथित तौर पर अपहरत ड्राइवर भी एडीशनल एसपी आरएस प्रजापति के सामने प्रकट हो गया।
अंतत: पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 342, 294, 323, 506 और 34 के तहत शुभेन्द्र पांडेय शिब्बू और फरियादी युवती के पति तथा 4 अन्य अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया।