गंगा-कावेरी एक्सप्रेस लूट : पुलिस तलाश रही कामायनी कांड के बाल अपराधी लुलुआ को 

गंगा-कावेरी एक्सप्रेस लूट : पुलिस तलाश रही कामायनी कांड के बाल अपराधी लुलुआ को 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-05 08:42 GMT
गंगा-कावेरी एक्सप्रेस लूट : पुलिस तलाश रही कामायनी कांड के बाल अपराधी लुलुआ को 

डिजिटल डेस्क, सतना। जीआरपी की निशानदेही पर वर्ष 2007 की बहुचर्चित कामायानी एक्सप्रेस डकैती कांड के दौरान तब पकड़े गए 12 साल के एक बाल अपराधी लुलुुआ उर्फ लुल्लू पटेल पिता अजायब की भी तलाश शुरु कर दी गई है। इलाहाबाद के बरगढ़ थाना क्षेत्र के इस अपराधी को तब सतना जीआरपी ने कामायनी डकैती कांड के सिलसिले में पकड़ा था। 

ये कड़ी अहम क्यों 
शातिर किस्म के इस अपराधी को तब नाबालिग होने का लाभ मिल गया था। इसी वारदात में डकैतों ने विरोध करने पर एक रुसी महिला की हत्या कर दी थी। बाद में जीआरपी इस गिरोह को गोवा से पकड़ लाई थी। शंकर गिरोह के सफाए के बाद तब बच निकले इसी गिरोह के राजू कोल के लिए तब लुलुआ ट्रेन डकैती की वारदातों में अहम भूमिका निभाया करता था। गैंग के कुछ सदस्य वारदात के लिए चिन्हित ट्रेन में इलाहाबाद से सवार हो जाया करते थे। इन्हीं में शामिल नाबालिग लुलुआ दो बोगियों की कपलिंग के पटरे खिसका कर चलती ट्रेन में नीचे लटक कर हौज पाइप खोल दिया करता था। हौज पाइप खुलते ही आसपास छिपे डकैत ट्रेन में सवार होकर लूटपाट करते थे और भाग निकलते थे। कहते है ,हाल में ट्रेन में चोरी की वारदात के दौरान पकड़ में आया लुलुआ 2 माह पहले ही जेल से छूटा है। 

पैटर्न पहले जैसा 
गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में हाल ही में लूटपाट की वारदात की शुरुआती पड़ताल के बाद रेल पुलिस भी फिलहाल इसी नतीजे पर पहुंची है कि अपराध के तौर तरीके कुछ अपवादों को छोड़कर कामायनी डकैती कांड से मेल खाते हैं। मसलन- एक तो वारदात के लिए स्थल का चयन पनहाई और डभौरा रेलवे स्टेशन के ही बीच होना। उस पर वारदात के बाद डकैतों का कूद कर बाईं तरफ उत्तर प्रदेश के जंगलों में घुसना और कुछ ही फासले पर किसी फोर व्हीलर की मौजूदगी और उसी से भागने का अंदेशा इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि ट्रेन डकैती में ऐसे ही किसी पुराने संगठित गिरोह का हाथ है। अंतर सिर्फ इतना ही है कि बदमाशों में पनहाई स्टेशन के क्रासिंग प्वाइंट के ट्रैक पर जहां सिक्का फंसा कर सिग्नल को रेड कर दिया,मगर ये पैटर्न भी नया नहीं है। 

मगर, अबकि डाउन ट्रैक क्यों 
वर्ष 2007 में कामायनी एक्सप्रेस और इसके बाद वर्ष 2008 में क्रमश: भागलपुर एक्सप्रेस, रत्नागिरी, गुवाहाटी एक्सप्रेस में भी डकैती की ऐसी ही वारदातें इसी रेल खंड पर हुई थीं। ये सभी गाड़ियां वारदात के समय अप ट्रैक पर थीं, यानि इलाहाबाद से सतना की ओर आ रही थीं। जबकि गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में लूट की ये वारदात इसी रेलखंड पर डाउन ट्रैक में तब हुई जब गाड़ी सतना से इलाहाबाद की ओर जा रही थी। कामायानी समेत अन्य गाडिय़ों में डकैती के इरादे से बदमाश जहां इलाहाबाद स्टेशन से सवार होते थे, वहीं अबकि माना जा रहा है कि गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में गिरोह के कुछ सदस्य सतना स्टेशन से सवार हुए। कटनी के बाद लंबी दूरी की इस गाड़ी का स्टापेज सतना और फिर सीधे इलाहाबाद है। मानिकपुर में गाड़ी का स्टापेज नहीं होने के कारण सतना जीआरपी  ने भी स्टेशन में लगे अपने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने शुरु कर दिए हैं। 

सतना जीआरपी ने मानिकपुर को सौंपी क्राइम फाइल 
चेन्नई सेंट्रल से चलकर छपरा की ओर जा रही गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में  पनहाई-डभौरा स्टेशन के बीच स्लीपर क्लास की 4बोगियों में एक साथ डकैती की वारदात में शामिल अपराधियों की धरपकड़ के लिए सतना और मानिकपुर जीआरपी ने साझा प्रयास शुरु कर दिए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत जीआरपी के चौकी प्रभारी संतोष तिवारी ने कामायनी डकैती कांड से जुड़े फैक्टस मानिकपुर की जीआरपी को सौंपे हैं। इसी बीच जबलपुर रेलमंडल के एसआरपी विनीत जैन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि वारदात भले ही एनसीआर में हुई हो, लेकिन अपराधियों की धरपकड़ के साझा प्रयास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। श्री जैन ने कहा कि डिप्टी एसआरपी प्रतिभा पटेल को समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

यूपी पुलिस ने जंगल में उतारीं 8 टीमें 
उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस की 8अलग-अलग टीमें अपराधियों की धरपकड़ के लिए पनहाई और उससे लगे जंगली इलाकों में उतारी गई हैं। मानिकपुर जीआरपी के अलावा कर्वी,महोबा और झांसी का पुलिस बल भी भेजा गया है। इलाहाबाद पुलिस की साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है। गंगा-कावेरी एक्सप्रेस में डकैती की वारदात से जुड़े हर संदेही को उठाया गया है। सख्ती से पूछताछ की सिलसिला जारी है। जेल से बाहर घूम रहे पुराने बदमाशों को भी निशाने पर लिया गया है।

इनका कहना है
वारदात भले ही एनसीआर में हुई हो, लेकिन अपराधियों की धरपकड़ के साझा प्रयास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
विनीत जैन एसआरपी, जबलपुर रेल मंडल
 

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