सांसद प्रज्ञा ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाले की पेश करो केस डायरी

सांसद प्रज्ञा ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाले की पेश करो केस डायरी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-04 08:21 GMT
सांसद प्रज्ञा ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाले की पेश करो केस डायरी

एटीएस और आईबी की टीम द्वारा नांदेड़ (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किए गए आरोपी की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 13 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव में हराकर भोपाल से सांसद निर्वाचित हुईं भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाले एक डॉक्टर की केस डायरी हाईकोर्ट ने तलब की है। जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने शुक्रवार को मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को करने के निर्देश दिए हैं। नांदेड़ के धानेगांव में रहने वाले डॉ. सैय्यद अब्दुल रहमान को एटीएस और आईबी की टीम ने 18 जनवरी 2020 को उसके घर से गिरफ्तार किया था। उस पर
आरोप है कि उसने अक्टूबर में रसायनिक वाले लिफाफे में ऊर्दू में लिखा धमकी भरा पत्र सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भेजा था। यह पत्र प्रज्ञा ने 13 जनवरी की रात में खोला था। मामले की शिकायत किए जाने पर मध्यप्रदेश एटीएस और आईबी की टीम ने जांच में पाया था कि धानेगांव इलाके में क्लीनिक चलाने वाला डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान ने यह संदिग्ध लिफाफा प्रज्ञा ठाकुर को भेजा था। वह पहले भी अफसरों को संदिग्ध लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा जा चुका है। इस मामले में जमानत का लाभ पाने आरोपी की ओर से यह अर्जी दायर की गई थी।
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से अधिवक्ता नीरज जैन और राज्य सरकार की ओर से पैनल अधिवक्ता अक्षय पवार हाजिर हुए। अदालत ने एक सप्ताह में केस डायरी पेश करने के निर्देश देकर सुनवाई मुलतवी कर दी। एटीएम काटकर नकदी चुराने वाले को नहीं दे सकते जमानत गैस कटर से दो एटीएम काटकर नकदी चुराने वाले हरियाणा के जमशेद उर्फ मिस्त्री खान की जमानत अर्जी जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकलपीठ ने शुक्रवार को खारिज कर दी। आरोपी को मण्डला थाना पुलिस ने 24 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि 22 व 23 सितंबर 2019 की दरमियानी रात को उसने बिनेका तिराहा और बड़ी खेरी में स्थित एटीएम को काटकर उसमें रखी रकम चुराई थी। 24 सितंबर को मण्डला पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके उसके पास से एक लाख 12 हजार रुपए भी बरामद किए थे। सुनवाई के दौरान आरोपी पर लगे आरोपों को गंभीर मानते हुए अदालत ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। शासन की ओर से पैनल अधिवक्ता अमित भुर्रक ने पैरवी की।
 

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