37 दिन के अंदर सेंट्रल जेल के तीसरे कैदी की मौत

 37 दिन के अंदर सेंट्रल जेल के तीसरे कैदी की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-13 08:28 GMT
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डिजिटल डेस्क, सतना। तकरीबन 11 साल से यहां सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 65 साल के एक कैदी राजाराम की बीती रात उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मृत्यु हो गई। उल्लेखनीय है, 37 दिन के अंदर केंद्रीय कारागार के कैदी की मृत्यु की ये तीसरी घटना है। इससे पहले चित्रकूट अपहरण और हत्याकांड के एक विचाराधीन बंदी रामकेश यादव पिता रामचरण ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। खुदकुशी की इस घटना के 25 वें दिन एक अन्य दंडित बंदी अनिल कुशवाहा की भी फांसी में झूलने के कारण मृत्यु हो गई थी। 

अचानक बिगड़ी हालत

केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ने बताया कि बरौंधा थाना क्षेत्र के भंवर निवासी दंडित बंदी राजाराम काछी पिता सुलोचन काछी (65) की 11 मई की रात्रि 7 बज कर 55 मिनट पर अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे अभिरक्षा में 8 बज कर 5 मिनट पर जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान रात 2 बज कर 10 मिनट पर उसकी मौत हो गई। आजीवन कारावास के दंडित कैदी राजाराम काछी का पन्ना के सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसे 1 जून 2008 को पन्ना से सेंट्रल जेल सतना में शिफ्ट किया गया था।  

एक इत्तेफाक ऐसा भी - एक ही गांव के थे मरने वाले 2 दंडित बंदी 
 इसे भी एक इत्तेफाक ही कहा जा सकता है कि बीती रात इलाज के दौरान मृत आजीवन कारावास का कैदी राजाराम काछी पिता सुलोचन काछी जहां बरौंधा थाना क्षेत्र के भंवर गांव का रहने वाला था,वहीं इस घटना से 12 दिन पूर्व केंद्रीय कारागार में फांसी लगाकर खुदकुशी करने वाला आजीवन कारावास का 31 वर्षीय कैदी अनिल कुशवाहा पिता बेटू भी राजाराम का स्वजातीय होने के साथ साथ बरौंधा थाना क्षेत्र के भंवर गांव का ही रहने वाला था। यानि अनिल कुशवाहा और राजाराम न केवल स्वजातीय थे बल्कि एक ही गांव के रहने वाले भी थे। दोनों आजीवन कारावास के दंडित कैदी थे और दोनों को पन्ना जेल से यहां सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।

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