सूखा के बाद भी रिकार्ड खरीदी, धान भण्डारण के लिए नहीं बची जगह

सूखा के बाद भी रिकार्ड खरीदी, धान भण्डारण के लिए नहीं बची जगह

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-18 07:52 GMT
सूखा के बाद भी रिकार्ड खरीदी, धान भण्डारण के लिए नहीं बची जगह

 डिजिटल डेस्क उमरिया । जिले में धान की बंपर आवक ने एक बार फिर स्टोरेज की समस्या बढ़ा दी है। 19 हजार क्विं. क्षमता के सुरक्षित भण्डारण केन्द्र पहले ही फुल हो चुके हैं। सगरा मंदिर समीप 5 हजार का ओपन कैप भी भर चुका है। अब छपड़ौर तकरीबन 20 प्रतिशत व सब्जी मण्डी में 10 फीसदी जगह शेष है। ऐसे में केन्द्रों पर रखी 44 हजार 833 क्विंटल धान का परिवहन भण्डारण से उठाव पर निर्भर रहेगा। इस दौरान खुदा न खाश्ता यदि बारिश व अन्य कोई अनहोनी हुई तो किसानों की मेहनत में पानी फिर सकता है।
जानकारी अनुसार साल 2018 में 6868 किसानों ने 33.52 एमटी धान सरकार को बेची। बदले में किसानों को 51 करोड़ 23 लाख 10262 रुपए भुगतान किये जाने थे। 7 करोड़ 14 लाख रुपए 52,290 सरकार को ऋण वसूली के रूप में मिल गये। जबकि अभी भी 8 करोड़ 85 लाख 94,398 रुपए भुगतान किसानों के खाते में जाना शेष है। उल्लेखनीय है कि इस बार गत वर्ष की तुलना में पंजीकृत किसानों की संख्या व लक्ष्य बढ़ाकर 35 एमटी तय किया गया था।
भण्डारण पर एक नजर
मिली जानकारी अनुसार जिले में एक जिला पंचायत समीप 12 हजार क्विंटल क्षमता वाला गोदाम है। लोढ़ा का निजी गोदाम सात हजार तथा सगरा का ओपन कैप पांच हजार क्विंटल पहले ही बुक हो चुका है। असुरक्षित तिरपाल के सहारे 5 हजार क्विंटल क्षमता वाले सब्जी मण्डी कैप में उमरिया, पाली तथा चंदिया की धान ढोई जा रही है। इसी तरह मानपुर के छपड़ौर में 17 समितियों की धान लायी जा रही है। 40 हजार एमटी में अभी तक 80 फीसदी धान रखी जा चुकी है।
लगा है धान का अंबार
शासकीय रिकार्डों के मुताबिक 29 खरीदी केन्द्रों में 10-12 केन्द्र ऐसे हैं जहां एक हजार से लेकर 4 हजार क्विंटल धान का स्टॉक लगा हुआ है। पाली, इंदवार तथा चंदिया में नजदीकी भण्डारण केन्द्र न होने से वाहनों को 50-60 किमी. दूरी तय कर धान उमरिया व छपड़ौर मानपुर ले जानी पड़ रही है। यही नहीं उमरिया का मण्डी कैप तो 10 फीसदी से भी कम बचा है। ऐसे में आने वाले कई दिनों तक धान का परिवहन चलता रहेगा।
इन केन्द्रों में असुरक्षित है धान
जिले में पर्याप्त गोदाम न होने से हर साल भण्डारण की समस्या आती है। पूर्व में आईएपी योजना के तहत भारी क्षमता वाले गोदाम की स्वीकृति भी मिली। फिर न जाने क्या हुआ निर्माण कार्य कागजों से जमीन पर नहीं उतर पाया। जानकारी के मुताबिक इंदवार, घुनघुटी, मालाचुआ की समितियों में परिवहन को लेकर ज्यादा दिक्कते आती हैं। वर्तमान में मालाचुआ, छादाखुर्द, अमरपुर, पड़वार तथा इंदवार में धान का बंपर स्टॉक है। इसी तरह चंदिया में सर्वाधिक 8646 क्वि. धान, नवगवां में 6412, सिंगुली में 3029, पथरहठा में 2503 क्विं. किसानों की मेहनत खुलेआसमान में पड़ी हुई है।
इनका कहना है
मानपुर में छपड़ौर से तथा चंदिया, पाली की धान उमरिया लाई जाती है। अभी तक 86 फीसदी अनाज का परिवहन हो चुका है। भण्डारण के लिए पांच में से दो ओपनकैप में धान रखी जा रही है।
एनएस उपाध्याय, डीएम नॉन उमरिया।
जिले में 35 एमटी लक्ष्य के मुकाबले 33.52 एमटी धान इस साल खरीदी हुई है। भुगतान व परिवहन की प्रक्रिया जारी है।
सुरेश मरावी, जिला खाद्य एवं जिला आपूर्ति अधिकारी उमरिया।

 

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