लॉकडाउन के बीच अफवाहों ने बढ़ाई बैंकों में भीड़, बुलानी पड़ी पुलिस 

लॉकडाउन के बीच अफवाहों ने बढ़ाई बैंकों में भीड़, बुलानी पड़ी पुलिस 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-09 13:38 GMT
लॉकडाउन के बीच अफवाहों ने बढ़ाई बैंकों में भीड़, बुलानी पड़ी पुलिस 

डिजिटल डेस्क सतना। कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सपंूर्ण जिले में प्रभावी लॉकडाउन के बीच यहां अफवाहें बड़ी चुनौती बन गई हैं। इन अफवाहों के इस असर को यहां जिला मुख्यालय में उमड़ रही भीड़ से देखा जा सकता है। इसी क्रम में यहां कोतवाली तिराहे पर स्थित बैंक ऑफ इंडिया के सामने बुधवार को हालात इस कदर बिगड़ गए कि बैंक मैनेजर शैलेश शुक्ला को पुलिस बुलानी पड़ गई। पुलिस की मदद से भीड़ को नियंत्रित करने के बाद बैंक प्रबंधक ने भुगतान के लिए टोकन जारी किए और तब कहीं जाकर सोशल डिस्टेंसिंग पटरी पर आई। 
जनधन खाते में थे 56 हजार मगर कैश चाहिए 500 
पुलिस ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया की सिटी कोतवाली ब्रांच में हालात उस वक्त हास्यास्पद हो गए जब बूटी बाई नामक एक महिला अपने खाते से 500 रुपए की नकद निकासी की जिद पर अड़ गई। मैनेजर श्री शुक्ला ने जब उससे सवाल किया तो वो बिगड़ गई। महिला का तर्क था कि अगर, वो जनधन खाते में आए 500 रुपए की नकद निकासी बैंक के ही कैश काउंटर से नहीं करेगी तो प्रधानमंत्री द्वारा भेजी ये राहत राशि लौट जाएगी। मैनेजर ने जब स्पष्ट किया कि आपके खाते में जमा पैसा आपका है और कहीं नहीं जाएगा तो महिला बहस करने लगी। हालत इस हद तक आ गई कि मैनेजेर को मामला पुलिस तक ले जाना पड़ा। पुलिस की समझाइश के बाद बूटी को समझ में आया कि वह अफवाह की शिकार है और सचमुच उसका पैसा कहीं नहीं जाने वाला है। अंतत: बात संभली। पुलिस ने बताया कि खाते में 56 हजार के बैलेंस के बाद भी उसे 500 की नकद निकासी चाहिए थी। 
 एक वजह यह भी :--------
विपदा की इस घड़ी में महिलाओं की मदद के लिए केंद्र सरकार  तीन माह तक हर माह 500-500 रुपए पहुंचा रही है। इसकी पहली किश्त हाल ही में आई है। इसके अलावा 2 माह (मार्च-अप्रैल) की सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मद में भी प्रति हितग्राही 1200 रुपए आए हैं। प्रति हितग्राही पीएम किसान सम्मान निधि की 2 हजार रुपए की राशि भी खातों में पहुंच गई है। बैंकों में भीड़ की एक वजह यह भी है। 
 

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