SBI के सफाईकर्मी ने एटीएम चोरी कर फौजी के खाते से 80 हजार किए पार

SBI के सफाईकर्मी ने एटीएम चोरी कर फौजी के खाते से 80 हजार किए पार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-26 08:15 GMT
SBI के सफाईकर्मी ने एटीएम चोरी कर फौजी के खाते से 80 हजार किए पार

डिजिटल डेस्क, सतना। दिन-रात मेहनत कर पाई-पाई जोडऩे के बाद लोग इस विश्वास के साथ बैंकों में रुपए जमा करते हैं कि वहां से कोई चोरी नहीं करेगा। लेकिन बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था इस कदर कमजोर है कि शातिर अपराधी आए दिन ऑनलाइन ठगी, एटीएम फ्राड जैसी वारदातों को अंजाम देकर खातेदारों को चूना लगा रहे हैं। कई बार तो बैंक के कर्मचारी ही जालसाजी के सूत्रधार रहते हैं। ऐसा ही एक मामला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नागौद ब्रांच में सामने आया, जहां दो साल से ठेके पर सफाई का काम करने वाले विकास कुशवाहा पुत्र रामचरण 25 वर्ष निवासी नागौद ने सेना के जवान समेत कई खातेदारों के एटीएम चोरी कर अपने रिश्तेदार जगन्नाथ कुशवाह पुत्र लक्ष्मीचंद 19 वर्ष और फूफा रूपचंद कुशवाहा 45 वर्ष निवासी पन्ना के साथ मिलकर लाखों रूपए पार कर दिए। उनकी पोल तब खुली जब छुट्टी पर घर आए फौजी रामअभिलाष पांडेय पुत्र अरुण कुमार निवासी रहिकवारा ने पुलिस से शिकायत की, तब जांच के दौरान जालसाजों की पोल खुल गई। लिहाजा आईपीसी की धारा 420,381 के तहत कायमी कर पुलिस ने तीनों को गुरूवार शाम गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। टीआई सज्जन सिंह परिहार ने बताया कि पीडि़तों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ लोगों ने फोन पर सम्पर्क किया है, जिन्हें थाने बुलाया गया है। 


इस तरह करते थे फर्जीवाड़ा

पकड़े गए आरोपी विकास ने पुलिस को बताया कि दो साल से बैंक में सफाई का काम करते हुए चप्पे-चप्पे से परिचित हो गया था। सब उस पर भरोसा भी करने लगे थे। इसी दौरान पता चला कि पोस्ट ऑफिस के माध्यम से खातेदारों के पते पर भेजे जाने वाले कई एटीएम कार्ड सही पता न मिलने पर वापस लौट आते हैं। तब उसने रिश्तेदारों के साथ मिलकर कमाई करने का प्लान बनाया और पोस्ट ऑफिस द्वारा लौटा दिए गए रहिकवारा निवासी रामअभिलाष पांडेय के एटीएम कार्ड को चोरी कर लिया, फिर एटीएम का पिन कोड बनाकर 14 और 15 दिसम्बर को 80 हजार निकाल लिए। यह बात खाताधारक को मोबाइल में आए एसएमएस से पता चली तो उन्होंने परिजन को अवगत कराया और बैंक में सम्पर्क करने के लिए कहा, लेकिन बैंक अधिकारियों ने कोई सहयोग नहीं दिया। लिहाजा 13 जनवरी को छुट्टी पर आते ही सेना के जवान ने टीआई से शिकायत की, तब पुलिस ने एसबीआई के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर जांच में सहयोग करने के लिए कहा। जिसके बाद बैंक अधिकारियों ने अपने स्तर पर पड़ताल कर विकास की जालसाजी से पर्दा हटाकर पुलिस को अवगत करा दिया, तब पुलिस ने युवक को गिरफ्त में लेकर पूछताछ की तो उसने दो रिश्तेदारों के नाम बताए, जिनको पन्ना में दबिश देकर पकड़ लिया गया। आरोपियों को शुक्रवार दोपहर कोर्ट में पेश किया जा सकता है। 

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