स्कूल वैन का कम इस्तेमाल हो, सरकार सुनिश्चित करे बच्चों की सुरक्षा - हाईकोर्ट

स्कूल वैन का कम इस्तेमाल हो, सरकार सुनिश्चित करे बच्चों की सुरक्षा - हाईकोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-06-12 14:08 GMT
स्कूल वैन का कम इस्तेमाल हो, सरकार सुनिश्चित करे बच्चों की सुरक्षा - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सुरक्षा के नजरिए से कहा कि राज्य सरकार सुनिश्चित करें कि स्कूली बच्चों को ले जाने के लिए वाहन के रूप में वैन का कम से कम इस्तेमाल हो। इसके लिए सरकार अभिभावकों को जागरूक करें और स्कूलों को बस चलाने के लिए तैयार करें। जस्टिस नरेश पाटिल व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने पैरेंटस् टीचर एशोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में दावा किया गया है कि नियमानुसार वैन की स्कूल बस के रूप में नहीं चलाया जा सकता है। आटोरिक्शा भी स्कूल बस के रुप में नहीं चल सकते है। फिर भी वैन व आटोरिक्शा बिना रोक-टोक के स्कूली बच्चों को ले जा रहे है और उन्हें घर पहुंचा रहे है।

इससे पहले सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि सरकार स्कूल बस की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। हम आटोरिक्शा को स्कूली बच्चों को ले जाने का परमिट नहीं देते हैं। राज्य भर में 25 हजार स्कली बसे चल रही है। सरकार का परिवहन विभाग इस बात को देख रहा है कि स्कूली बसों में सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य भर में एक लाख आठ हजार स्कूल है। इसमे से 90 हजार स्कूलों में स्कूल बस कमेटी है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कई अभिभावक स्कूल बस का खर्च वहन कर पाने में खुद को असमर्थ पाते हैं, इसके लिए वे विकल्प के रुप में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दूसरे वाहनों का सहारा लेते है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि लोगों में कानून के पालन की संस्कृति का पैदा होना जरुरी है। तभी नियमों के उल्लंघन को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा सरकार लगातार बच्चों को स्कूल ले जानेवाले वाहनों पर नजर रखे और इसके लिए उडन दस्ते के साथ-साथ वाहनों का औचक परीक्षण भी किया जाएष क्योंकि परिवर्तन एक रात में नहीं होगा। इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होगे और सबको जागरुक करना पड़ेगा। खंडपीठ ने सरकार को अगली सुनवाई के नियमों का उल्लंघन करनेवाले वाहनों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है। 

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