लॉकडाउन के दौरान में मुबई गंभीर अपराधों हुए कम, अधिक दर्ज हुए दूसरे मामले

लॉकडाउन के दौरान में मुबई गंभीर अपराधों हुए कम, अधिक दर्ज हुए दूसरे मामले

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-16 15:28 GMT
लॉकडाउन के दौरान में मुबई गंभीर अपराधों हुए कम, अधिक दर्ज हुए दूसरे मामले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन के दौरान महानगर में होने वाले गंभीर अपराधों में काफी कमी आई है, हालांकि आईपीसी के तहत दर्ज किए जाने वाले मामले बढ़े हैं, क्योंकि पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए हैं। लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी काफी कमी दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी महीने में महानगर में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल 559 मामले दर्ज किए गए थे। लेकिन मार्च में यह संख्या घटकर 452 हो गई। बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 19 मार्च को महानगर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। अप्रैल महीने में इस में सबसे ज्यादा गिरावट आई और इस दौरान महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के केवल 89 मामले दर्ज किए गए।

मई में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में थोड़ी बढ़ोतरी हुई और आंकड़ा 138 तक पहुंच गया। हालांकि यह सामान्य तौर पर होने वाले अपराधों के मुकाबले काफी कम था। महानगर में आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज हुई। अपराधों की बात करें तो फरवरी महीने में कुल 3558 मामले दर्ज किए गए थे। मार्च में दर्ज मामले बढ़कर 3660 हो गए, जबकि अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा 5703 मामले दर्ज किए गए। मई महीने में जब लॉकडाउन के नियमों में थोड़ी ढील मिलने शुरू हुई, तो दर्ज होने वाले मामलों में थोड़ी कमी आई। मई में आईपीसी की धाराओं के तहत महानगर में कुल 2532 मामले दर्ज किए गए।


                        फरवरी      मार्च          अप्रैल         मई

हत्या                  20           12             8             10               

बलात्कार            70           73            17            19

डकैती                  2            14             0              1

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