पैंगोलिन को बाथरूम में छिपाकर रखे थे तस्कर, चार गिरफ्तार

पैंगोलिन को बाथरूम में छिपाकर रखे थे तस्कर, चार गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-14 16:07 GMT
पैंगोलिन को बाथरूम में छिपाकर रखे थे तस्कर, चार गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, उमरिया। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में वन्यजीव तस्करी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। पनपथा रेंज के गांव से वन्यजीव तस्करी के आरोप में चार आरोपी पकड़े गए हैं। तस्करों के पास से वन्यजीव पैंगोलिन मिला है। आरोपियों द्वारा पैंगोलिन को बाथरूम में छिपाकर रखा गया था। वन विभाग की टीम ग्राहक बनकर तस्करों के पास पहुंची थी।

झोलाछाप डॉक्टर भी गिरोह में शामिल
छापेमारी के दौरान वन विभाग को हर्रवाह गांव में सुनील राय नामक व्यक्ति के यहां जीवित वन्यप्राणी मिला था। बाथरूम में छिपे मिले जंगली जीव को देख वन अमला सकते में आ गया। पूछताछ में बकेली उमरिया गांव में बंगाली क्लीनिक संचालक विश्वास को भी पकड़ा गया। वन्यजीव विशेषज्ञों की माने तो पैंगोलिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर बेचा जाता था। इनकी अनुमानित कीमत लाखों रुपए में है। गांव में ये आरोपी गरीब आदिवासी लोगों को चंद रुपए देकर इन्हें पकड़वाते थे।

ग्रामीण बनकर किया सौदा
वन विभाग की मानें तो पनपथा व खितौली रेंज की सीमा से लगे हर्रवाह गांव में पहली गिरफ्तारी हुई थी। डॉ. सुनील राय नामक व्यक्ति का संपर्क किसी वन्यजीव प्राणियों के तस्कर गिरोह से पता चला रहा था। इसके अलावा गांव में घूम रहे गिरोह की भनक लगने पर वन विभाग द्वारा ग्रामीण बनकर उनसे वन्यप्राणियों का सौदा किया गया। सौदा होने के बाद तस्कर आज कल बताकर टालते गए।  

अंतर्राष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हैं तार
विभागीय सूत्रों की मानें तो रिमाण्ड में चल रही पूछताछ के बाद कहानी और स्पष्ट हो पाएगी। अभी तक वन क्षेत्रों से अन्य जीवों के अवशेष तस्करी व शिकार के मामलों का भी रहस्य खुल सकता है। ज्ञात हो कि तस्करी में पकड़े गये इस गिरोह के तार अंतर्राष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हुए हैं। इस गिरोह में स्थानीय स्तर से लेकर कटनी, डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट एवं अन्य कई प्रदेशों के तस्कर शामिल हैं।

इनका कहना है
चार आरोपियों को वन्यजीव तस्करी के मामले में पकड़ने 5 फरवरी से अभियान चलाया जा रहा था। कल न्यायालय में चार को पेश कर रिमाण्ड में लिया गया है। पैंगोलिन वन्यजीव भी एक आरोपी के पास से मिला है। विवेचना के बाद तस्करी से जुड़े अन्य रहस्य सामने आएंगे। आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है।
अनिल शुक्ला, एसडीओ, संयुक्त संचालक बीटीआर उमरिया

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