रंगे हाथ पकड़ी गई सब इंस्पेक्टर, दहेज मामले में आरोपी न बनाने मांगी थी रिश्वत

रंगे हाथ पकड़ी गई सब इंस्पेक्टर, दहेज मामले में आरोपी न बनाने मांगी थी रिश्वत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-05 07:54 GMT
रंगे हाथ पकड़ी गई सब इंस्पेक्टर, दहेज मामले में आरोपी न बनाने मांगी थी रिश्वत

डिजिटल डेस्क, सतना। लोकायुक्त की एक छापामार टीम ने मंगलवार की शाम यहां सिटी कोतवाली परिसर में दबिश देकर महिला सब इंस्पेक्टर मंजूषा धुर्वे को रंगे हाथ पकड़ लिया। दल का नेतृत्व कर रहे लोकायुक्त के सीनियर इंस्पेक्टर विद्या वारिध तिवारी और अरविंद तिवारी ने बताया कि दहेज प्रताड़ना के एक मामले में डालीबाबा निवासी आरोपी अमर चौधरी पुत्र स्वर्गीय वृंदावन चौधरी की मां रामकली, बहन विमला और बहनोई शिवलाल चौधरी को आरोपी नहीं बनाने के एवज में सब इंस्पेक्टर मंजूषा ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। अंतत: सौदा 15 हजार पर तय हुआ। आईपीसी की धारा 498ए और दहेज प्रतिशेध अधिनियम की धारा 3,4 के आरोपी अमर चौधरी की शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त ने छापा मारा। बताया गया है कि महिला सब इंस्पेक्टर से रिश्वत के 15 हजार रुपए तो बरामद नहीं हुए, लेकिन कार्रवाई के दौरान हाथ रंग गए। लोकायुक्त के मुताबिक महिला सब इंस्पेक्टर के विरुद्ध साक्ष्य छिपाने का अपराध भी दर्ज किया जाएगा।

ऐसे आई शिकायत
इस मामले के फरियादी अमर चौधरी की शादी फरवरी 2018 में सविता रोहित पुत्री राजकुमार निवासी मकरोनिया जिला सागर के साथ हुई थी, लेकिन एक माह बाद ही मायके जाकर युवती ने वहां के थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। तब पुलिस ने समझौते के लिए प्रकरण मानवी परामर्श केन्द्र सतना भेज दिया, जिसमें पति-पत्नी के बीच मतभेद दूर करने की कोशिश हो रही थी। इसी बीच सविता ने समझौते से इंकार कर फिर से शिकायत की तो धारा 498ए और 3,4 दहेज प्रतिशेध अधिनियम के तहत कायमी कर मकरोनिया पुलिस ने केस डायरी सिटी कोतवाली भेज दी।

यहां पर जांच सब इंस्पेक्टर मंजूषा धुर्वे को सौंपी गई, जिन्होंने 26 मई को अमर के घर जाकर उसके साथ ही पूरे परिवार के फंस जाने का डर दिखाया और मां, बहन व बहनोई को बचाने के एवज में 20 हजार रूपए की रिश्वत मांगी लेकिन युवक ने आर्थिक स्थिति का हवाला देकर रियायत देने के लिए कहा तो एसआई ने 5 हजार कम कर दिए। उधर युवक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी रीवा से कर दी, जिनके निर्देश पर टीम ने साक्ष्य एकत्र करते हुए रूपयों के लेन-देन की तारीख 4 जून तय कराई।

अमर चौधरी ने लोकायुक्त टीम के बताए अनुसार एसआई से संपर्क किया और कैमिकलयुक्त नोटों की गड्डी लेकर मंगलवार शाम करीब 6 बजे कोतवाली पहुंच गया, जहां पासपोर्ट कक्ष में सब इंस्पेक्टर मंजूषा ने रूपए लिए, जिसके बाद युवक ने बाहर निकलकर टीम को इशारा कर दिया। उधर एसआई कमरे से बाहर आकर कम्प्यूटर कक्ष की तरफ चली गई। तब तक लोकायुक्त अमला धड़धड़ाते हुए थाने में घुस गया। टीम में मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने एसआई को पकड़ लिया और वर्दी की तलाशी ली पर रकम नहीं मिली। हालांकि तुरंत ही उसके हाथ धुलवाए गए तो पानी रंगीन हो गया, जिससे रिश्वत लेने की बात प्रमाणित हो गई। बाद में कपड़े बदलवाकर वर्दी की जांच में भी साक्ष्य मिले। पूरे परिसर की सघन तलाशी के बाद भी रूपए बरामद नहीं हो पाए।

टीम द्वारा थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए, जिसमें महिला एसआई के साथ सिविल ड्रेस में 2 लोग नजर आ रहे थे, जो छापा पड़ते ही गायब हो गए। संदेह है कि उन्हीं के पास रूपए है। सब इंस्पेक्टर के पकड़े जाने की खबर लगते ही पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने उसे सस्पेंड कर दिया तो थाना प्रभारी की भूमिका की जांच कराने की बात भी कही है। माना जा रहा है कि अधीनस्थ कर्मचारी के रिश्वतखोरी में पकड़े जाने पर सिटी कोतवाल की कुर्सी जा सकती है।  

इनका कहना है
लोकायुक्त टीम के एएसपी ने कार्रवाई की जानकारी दी है। लिखित सूचना मिलने पर विभागीय जांच भी शुरू की जाएगी। फिलहाल महिला सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। 
रियाज इकबाल, पुलिस अधीक्षक
 

Tags:    

Similar News