सूनी आंखों से महावत का इंतजार कर रहा सुंदर, बांधवगढ़ में महावत की मौत पर हाथी शोकग्रस्त

सूनी आंखों से महावत का इंतजार कर रहा सुंदर, बांधवगढ़ में महावत की मौत पर हाथी शोकग्रस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-19 08:36 GMT
सूनी आंखों से महावत का इंतजार कर रहा सुंदर, बांधवगढ़ में महावत की मौत पर हाथी शोकग्रस्त

डिजिटल डेस्क उमरिया। दिनभर शांत कैम्प में गुमशुम खड़ा रहता है। कहीं से किसी इंसानी आहट को सुनते ही खोजती निगाहों से उन्हें देखने लगता है। भोजन करता है, फिर अपनी जगह में जाकर चुपचाप खड़ा हो जाता है। यह विरह वेदना बांधवगढ़ के विशालकाय प्राणी सुंदरगज की है, जो तीन अक्टूबर को अपने 12 साल के हमदर्द महावत रवि बैगा को खोने के बाद सामने आई है। खितौली के कुम्ही कछार कैम्प में हादसे के बाद रवि के पूर्व सहायक ने हाथी के इस स्वाभाव परिवर्तन की जानकारी बीटीआर डायरेक्टर विंसेंट रहीम को दी। माना जा रहा है कि सुंदर रवि की मृत्यु का शोक मना रहा है। क्योंकि संवेदनाएं सिर्फ मानव में ही नहीं बल्कि वन्यजीवों में भी होती हैं।
सुंदर के पैरों के नीचे आने से हुई थी मौत 
ज्ञात हो कि तीन अक्टूबर को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के कोर एरिया खितौली रेंज के कुम्ही कछार कैम्प में यह हादसा हुआ था। गश्त से लौटे हाथियों को कैम्प में नियंत्रित करने के दौरान महावत रवि बैगा की अचानक सुंदर के पैरों के नीचे आने से मौत हो गई थी। घटना को 15 दिन बीत चुके हैं। इस बीच हाथी के स्वाभाव में परिवर्तन ने महावत व प्रबंधन को हैरत में डाल दिया है। प्रबंधन का मानना है कि चूंकि वे लोग तकरीबन 12 साल तक एक दूसरे के साथ थे। हाथी जबरदस्त याददाश्त वाला जीव माना जाता है। खासकर अपने समूह व लगाव वाले जीव की मृत्यु पर काफी दिन शोक भी मनाता है। इसलिए सुंदर में ये परिवर्तन दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
खितौली रेंज में गश्त करता है सुंदर
नर वयस्क सुंदर नामक यह हाथी बांधवगढ़ के 18 हाथियों के कुनबे में काफी पुराना है। वर्तमान में वह खितौली कोर एरिया में मादा तूफान के साथ गश्ती की जिम्मेदारी संभाल रहा है। प्रतिदिन दिन में दो बार जंगल की निर्धारित रूट में देखरेख करनी पड़ती है। टाइगर ट्रैकिंग, पग मार्ग व शावकों की सुरक्षा में कई बार महावत इनकी मदद से नजर रख पाते हैं।
फिल्मों में भी दिख चुकी है यह जोड़ी
सुंदर व महावत रवि की कार्य कुशलता व दोस्ती कितनी खास थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये वन्यजीवों पर बनी फिल्मों में भी दिख चुके । अक्सर रेस्क्यू टीम का नेतृत्व भी कर चुके हैं। हाल ही में एक संस्था द्वारा बाघों की सुरक्षा के लिए वन रक्षक की कार्यप्रणाली पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई है। इसमे भी महावत व हाथी की मदमस्त चाल दिखाई गई है। जैसे ही संस्था के लोगों को यह झकझोर देने वाली घटना पता चली, वे लोग अब पीडि़त परिवार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
इनका कहना है -
महावत व सुंदर हाथी लंबे समय से एक दूसरे के साथ थे। खितौली के महावत ने सुंदरगज के व्यवहार के बारे में जानकारी दी है। संभव है वह महावत की मौत के सदमे में उसे भूल नहीं पा रहा है। क्योंकि वाइल्ड लाइफ में हाथी बुद्धिमान जीव माना जाता है।
विंसेंट रहीम, डायरेक्टर बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व।
 

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