एनसीपी नेता अजित पवार बोले- शिवसेना और भाजपा को हराने मनसे का साथ जरूरी, कांंग्रेस ने कहा-मंजूर नहीं

एनसीपी नेता अजित पवार बोले- शिवसेना और भाजपा को हराने मनसे का साथ जरूरी, कांंग्रेस ने कहा-मंजूर नहीं

Tejinder Singh
Update: 2019-02-12 16:11 GMT
एनसीपी नेता अजित पवार बोले- शिवसेना और भाजपा को हराने मनसे का साथ जरूरी, कांंग्रेस ने कहा-मंजूर नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस के विरोध के बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को महागठबंधन में शामिल करना चाहती है। मनसे के अलग चुनाव लड़ने के तैयारियों के बीच मंगलवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना को पराजित करने के लिए मनसे को साथ लेना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया है। गौरतलब है कि राकांपा सुप्रीमों राज ठाकरे को कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में शामिल करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। पार्टी का मानना है कि यदि राज ठाकरे को साथ लिया तो उनकी उत्तरभारतीय विरोधी छवि के चलते हिंदी पट्टी में कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी साथ ही मुंबई-ठाणे में भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा। अजित ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में मनसे उम्मीदवारों को लाख-लाख वोट मिले थे। इस लिए भाजपा-शिवसेना को हराने के लिए मनसे को साथ लिया जाना चाहिए। शरद पवार के नाती पार्थ पवार को लेकर अजित ने कहा कि आजकल के बच्चे अपने फैसले खुद लेते हैं। पार्थ के चुनाव लड़ने की बाबत अभी तक पार्टी ने कोई फैसला नहीं लिया है। पार्थ क्षेत्र में घूम रहे हैं, इसका यह अर्थ नहीं की वे चुनाव ही लड़ेंगे। पार्टी को बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति काम करता है। बारामती जीतने के लिए भाजपा के दावे पर अजित ने कहा कि उन्होंने बोल दिया तो इसका अर्थ यह नहीं की वे जीत गए। उन्होंने इस खबर को गलत बताया कि शिऱुर से पवार परिवार के चार लोग चुनाव लड़ेंगे। अजित ने कहा कि भाजपा-शिवसेना मिलकर ही चुनाव लड़गे। शिवसेना फिलहाल प्रेशर पालिटिक्स कर रही है।  

मनसे का साथ मंजूर नहीः कांग्रेस

अजित पवार के बयान को उनका व्यक्तिगत मत बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि पार्टी का स्पष्ट मत है कि मनसे और एमआईएम को साथ नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह बात पहले ही साफ कर दी है। सावंत ने कहा कि धर्म, प्रांत व भाषा की राजनीति करने वाला कोई दल धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता। 
 

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