उमरिया : वन्यजीवों के हमले बढ़ रहे, अधिकारी बेफिक्र सो रहे

उमरिया : वन्यजीवों के हमले बढ़ रहे, अधिकारी बेफिक्र सो रहे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-30 09:11 GMT
उमरिया : वन्यजीवों के हमले बढ़ रहे, अधिकारी बेफिक्र सो रहे

डिजिटल डेस्क,उमरिया। जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से लगे हुए क्षेत्र में वन्यप्राणियों के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 20 दिनों में हुए हमले में अब तक 1 ग्रामीण की मौत हो चुकी है। वहीं कई लोग गंभीर रुप से घायल हैं। अक्सर टाईगर रिजर्व से टैरीटरी फाइट में हारने वाले बूढ़े बाघ बफर से सामान्य की ओर मूवमेंट करते हैं। इनके अलावा क्षेत्र में सक्रिय मादा बाघिन और शावक का मूवमेंट उनसे भी ज्यादा घातक है।

गौरतलब है कि बारिश के सीजन में नए ठिकानों की तलाश में बाघ के साथ तेंदुए और भालू सामान्य वन मंडल में घूम रहे हैं। पनाहगार की तलाश में मादा भालू बच्चों के साथ करकेली क्षेत्र में सक्रिय है। अगस्त माह में  वन्यप्राणियों के हमलों की दर्जनभर से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके वन विभाग के पास इन्हें रोकने व जागरुकता के लिए कोई ठोस प्लान तैयार नहीं है। स्थिति तो ऐसी है कि सूचना देने पर एक दिन बाद विभाग का अमला सक्रिय होता है। 

दहशत में ग्रामीण
तेंदुआ विलुप्त होने की कगार में खड़ी वन्य प्रजाति मानी जाती है। जिले की खुशनसीबी है कि यहां इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। बावजूद इसके सामान्य मंडल में करकेली के पास शिकार की पूर्व घटनाओं से भी विभाग सबक सीखने को तैयार नहीं है। आकाशकोट में बीते 10 दिनों से तेंदुए का मूवमेंट गांव से लगे जंगल में बना हुआ है। क्षेत्र में वन विभाग के गश्त से लेकर ऐहतियातन उपाय नदारद हैं। लगातार वन्यप्राणी इंसानी क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। वन मंडल क्षेत्र में करकेली से लगे भरहुत, रहठा तथा बांधा गांव में मादा भालू चरवाहों से लेकर किसानों पर हमला कर चुकी है। लगातार ग्रामीण और वनप्राणियों के बीच संघर्ष की स्थिति बन रही है। 

एक-दूसरे पर थोपते हैं जिम्मेदार
स्थानीय लोगों की माने तो क्षेत्र में लगातार ऐसी घटनाएं बढ़ने की एकमात्र वजह अधिकारियों की लापरवाही है। खासकर करकेली व पाली क्षेत्र में बांधवगढ़ बफर से लगी वन विभाग की सीमा में ये घटनाएं ज्यादा हैं। जब भी लोग वनमंडल के अधिकारियों को जानकारी देते हैं वे लोग बांधवगढ़ क्षेत्र होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। यही हाल टाईगर रिजर्व का है। विवाद बढ़ने व रेस्क्यू के लिए बीटीआर सक्रिय होता है। इसके पहले क्षेत्र में सक्रियता नगण्य हैं। उमरिया डीएफओ वासू कन्नौजिया का कहना है कि करकेली से लगे क्षेत्र की घटनाएं बांधवगढ़ की सीमा में है। अन्य के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। मैं इसे दिखवाती हूं।

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