अपने ही घर में विक्षिप्त महिला ने लगा दी आग -  बाल-बाल बचे गहरी नींद में सो रहे बच्चे

अपने ही घर में विक्षिप्त महिला ने लगा दी आग -  बाल-बाल बचे गहरी नींद में सो रहे बच्चे

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-09 09:06 GMT
अपने ही घर में विक्षिप्त महिला ने लगा दी आग -  बाल-बाल बचे गहरी नींद में सो रहे बच्चे

डिजिटल डेस्क सतना। सिटी कोतवाली क्षेत्र के सुभाष चौक स्थित मुख्य बाजार में  सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब राहगीरों ने एक घर में आग की लपटों के साथ उठ रहा धुआं देखा। राहगीरों ने कॉल कर घटना की जानकारी कोतवाली पुलिस को दी। एएसआई शोभा नामदेव और एक आरक्षक सत्या अन्य बल के साथ तत्काल जब मौके पर पहुंचीं तो उन्होंने देखा कि घर के जिस हिस्से में आग लगी है, उसी के पास 35 वर्षीया महिला निर्मला अग्रवाल भी मौजूद है। उसने पुलिस कर्मियों को आग बुझाने से रोकने की भी कोशिश की। घर में विकराल रुप ले चुकी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की भी मदद ली गई। पुलिस ने इस आगजनी से बेखबर हो कर सो रही 14 वर्षीया एक लड़की और 12 वर्ष के लड़के को भी जैसे-तैसे बाहर निकाला। पुलिस ने जब निर्मला से पूछताछ की तो पता चला कि वो मानसिक रुप से विक्षिप्त है। उसका इलाज चल रहा है। महिला ने पुलिस को बताया कि मिट्टी का तेल डालकर आग भी उसी ने लगाई थी। उसके बच्चे ने पुलिस को बताया कि मां का लाज वर्ष 2010 से चल रहा है। इधर कुछ अर्से से उसने दवाओं का सेवन बंद कर दिया था।   
 आग में जलने से हुई थी पिता की मौत 
पूछताछ में बच्चों ने पुलिस को बताया कि घर में सामान से ज्यादा कबाड़ है। कुछ वर्ष पहले अचानक घर में आग लगने के कारण पिता विजय अग्रवाल, मां निर्मला और दोनों बच्चे झुलस गए थे। इनमें से पिता विजय की मृत्यु हो गई थी। बच्चों ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद घर की देखभाल उनके चाचा किया करते थे। मगर, इधर कुछ अर्से से उनका भी कुछ पता नहीं है। 
2 दुकानों में बेजा कब्जा 
पिता की मृत्यु, मां के विक्षिप्त होने और चाचा के रहस्यमयी अंदाज में चाचा के लापता होने के बाद नााबलिग  की स्थिति अनाथ जैसी है। सुभाष चौक की लाखों की संपत्ति पर कुछ तत्वों की बुरी नजर है। मुख्य बाजार में स्थित घर की दो दुकानों से उन्हें हर बतौर किराया महज 36 सौ रुपए मिलते हैं। मां की तबियत खराब होने के कारण दोनों बच्चों ने पढ़ाई भी छोड़ दी है।  
 

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