कुएं में जा गिरी बाघिनं, पांच घंटे तक चला रेस्क्यू, सकुशल जंगल में छोड़ा

कुएं में जा गिरी बाघिनं, पांच घंटे तक चला रेस्क्यू, सकुशल जंगल में छोड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-17 16:28 GMT
कुएं में जा गिरी बाघिनं, पांच घंटे तक चला रेस्क्यू, सकुशल जंगल में छोड़ा


डिजिटल डेस्क उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया पतौर रेंज के अंतर्गत नरबार के किनारे विगत रात्रि एक बाघिन कुएं में गिर गई। करीब 5 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बाघिन को कुएं से निकाला गया। बाद में जांच के बाद उसे पार्क के पतौर रेंज की टैरेटरी में सुरक्षित छोड़ दिया गया। बताया गया है कि बाघिन अब पूरी तरह स्वस्थ है। बाघिन की उम्र करीब साढ़े चार वर्ष है। युवा होने के कारण अभी आईडी भी नहीं दी गई है। इसकी टैरेटरी बगैया बीट में है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक अनिल शुक्ला के अनुसार घटना 15 जनवरी की रात्रि की है। पतौर-नरबार मार्ग के किनारे मकान बनाकर रह रहे पांडू बैगा ने खबर दी कि उनके घर के समीप बने कुएं में कोई बाघ गिर गया है। सूचना पर तुरंत पहुंची टीम ने रात 10.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया। अंतत: ट्रंक्यूलाइज कर बाघिन को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बताया गया है कुआं करीब 20 से 25 फीट गहरा था और उसमें काफी गहरा पानी भी था।  
तेज आवाज से टूटी नींद-
अधिकारियों के अनुसार पांडू बैगा रात में भोजन आदि के बाद मकान के बाहर सो रहा था। इसी दौरान उसे छपाक की तेज आवाज सुनाई दी। पांडू को लगा कि उसका कोई मवेशी कुएं में गिर गया। उसने टार्च ले जाकर देखा तो वहां पानी में बाघिन छटपटाती हुई दिखी। पांडू ने अन्य ग्रामीणों को बुलाया और तुरंत बीटगार्ड को सूचना दी।
पंजा मारकर तोड़ी खाट-   
बाघिन के कुएं में गिरने की खबर से पार्क प्रबंधन में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में टीपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच रेस्क्यू शुरू हुआ। सबसे पहले बाघिन को बचाने के लिए खाट को नीचे डाला गया। गुस्सैल बाघिन ने पंजा मारकर उसे तोड़ दिया। फिर जाल फेंककर उसे उसमें फंसाया गया लेकिन तीन बार डेढ़ मीटर ऊपर आने के बाद वह फिर से नीचे कूद गई। आखिरकार चौथे प्रयास में रात करीब 2.50 मिनट पर तीन फीट तक ऊपर लाकर उसे टं्रक्यूलाइज किया गया और बाहर निकाला गया।  

ऐसे चला रेस्क्यू
रात्रि 10.30 बजे पहुंचा रेस्क्यू दल
रात 2.50 बजे ट्रंक्यूलाइज किया
रात्रि 3.30 बजे उसे पूरी तरह से रिवाइव किया गया
सुबह 5.30 बजे बीट बगैया बमेरा तिराहा कैंप के पीछे हडिय़ाझांज नामक स्थान पर छोड़ा गया।

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