शावकों को शिकार के गुर सिखाने बाघिन ने बदला ठिकाना

शावकों को शिकार के गुर सिखाने बाघिन ने बदला ठिकाना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-19 11:39 GMT
शावकों को शिकार के गुर सिखाने बाघिन ने बदला ठिकाना

डिजिटल डेस्क, उमरिया। पनपथा बफर और खितौली के जंगलों में दो शावकों के साथ, करचुलिहा वाली बाघिन ने अपना ठिकाना बदल दिया है। उसने अब मेडरा बीट के बिचली और करहा इलाके में अपना नया ठिकाना चुन लिया है। बाघिन की दस्तक ने मेडरा, नयागांव सहित खिलौती के इलाके में सनसनी फैला दी है। हालांकि पार्क अमले ने सक्रियता दिखाते हुए पहले ही वहां दो हाथियों को हांका के लिए लगा रखा है। बाघिन के दोनो शावक एक नर और मादा सालभर से अधिक उम्र के बताए जा रहे हैं।

मां सिखा रही शिकार के गुर

वन्यप्राणी विशेषज्ञों के मुताबिक बाघिन शावकों को दो साल तक अपने साथ रखती है। इस दौरान बच्चों को खुद शिकार के दांवपेंच से लेकर जंगली माहौल में संघर्ष करना सिखाती है। बच्चे इस दौरान खरगोश, बकरे और गाय पर हमले करने में ज्यादा रूचि लेते हैं। मादा शावक कम से कम डेढ़ साल की उम्र में खुद संतान उत्पन्न करने की स्थिति में पहुंच जाती है। खितौली में दोनों शावक सक्रिय होकर लगातार मवेशियों को निशाना बना रहे हैं। इन्होंने चंद रोज पहले खितौली निवासी कामता यादव के एक बछड़े को अपना निवाला बनाया।

आक्रामक है बाघिन

जैसा कि अक्सर बच्चों के साथ मादा बाघिन, सुरक्षा के दृष्टिकोण से ज्यादा आक्रामक होती है। मेडरा बीट में लोगों की मानें तो 5-6 दिन में एक मवेशी का शिकार हो रहा है। रात के अंधेरे में खितौली नदी किनारे घरों के पास अक्सर बाघिन का मूवमेंट देखा गया है। सूचना मिलने पर बांधवगढ़ से दो हाथी हांका डालने पहुंचते हैं। फिर भी दिन भर लोग वनाधिकारियों से सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं।
 

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