ठण्ड का असर: सुबह देर से दर्शन दे रहे वनराज, मार्निंग सफारी का समय भी बदला

ठण्ड का असर: सुबह देर से दर्शन दे रहे वनराज, मार्निंग सफारी का समय भी बदला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-16 11:55 GMT
ठण्ड का असर: सुबह देर से दर्शन दे रहे वनराज, मार्निंग सफारी का समय भी बदला

डिजिटल डेस्क, उमरिया। ठंड का असर वन्यजीवों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। सैलानियों को वनराज के दर्शन करने इंतजार करना पड़ रहा है। कड़कड़ाती ठंड के कारण बाघ अपने शावकों के साथ देर से अपनी मांदों से बाहर निकल रहे हैं। जहां सफारी के लिए लोगों की जहां भीड़ उमड़ रही है, तो वहीं टाईमिंग में भी बदलाव किया गया है।

आधा घंटा लेट भेजा जा रहा जंगलों में
बादलों के छटते ही मौसम ने असर दिखना शुरु कर दिया है। शाम होते ही जहां गलन बढ़ गई है। वहीं दिन की धूप में अब बेअसर लगने लगी है। इंसानों की तरह वन्यजीवों की दिनचर्या में भी कुछ परिवर्तन हुआ। खासकर जंगली क्षेत्र, बांधवगढ़ से लगे इलाकों में रात का तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा है। कड़कड़ाती ठण्ड को देखते हुए टाईगर रिजर्व प्रबंधन ने सफाई के समय में हर वर्ष की भांति परिवर्तन कर दिया है। अब सुबह 5.30 बजे की बजाय 6 बजे से पर्यटकों को जंगल में भेजा जाता है। वहीं शाम को 5.45 बजे सभी गाडिय़ों को जंगल से बाहर कर दिया जाता है। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में वैसे भी ठण्ड के समय छुट्टियां मनाने गर्मी की अपेक्षा ज्यादा पर्यटक यहां आते हैं।

वनराज को भी रहता है धूप का इंतजार
एक ओर जहां रात का पारा 7-8 डिसे पर बना हुआ है। वहीं बांधवगढ़ में सैलानियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव ही पड़ा है। सुबह से गर्म कपड़े पहने लोग वनराज के दर्शन को जाते हैं। हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं ठण्डी में सामान्यत: बाघ अपनी दिनचर्या के अनुसार लेट मांदों से बाहर निकलते हैं। बाघिन शावकों के साथ धूप में अपने टेरेटरी इलाके में धूप का लुत्फ लेती हैं।

इनका कहना है
यहां के वन क्षेत्र में ठण्ड तो ज्यादा पड़ती ही है। वन्यजीवों पर इसका कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। हर साल मौसम को देखते हुए दिसंबर में सफारी की टाईमिंग बदलते हैं, इस बार भी सुबह परिवर्तन किया गया है।
मृदुल पाठक, डायरेक्टर बीटीआर उमरिया

Similar News