संजय गांधी ताप केन्द्र मंगठार में टरबाइन की मोटर जली, करोड़ों का नुकसान

संजय गांधी ताप केन्द्र मंगठार में टरबाइन की मोटर जली, करोड़ों का नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-04 08:29 GMT
संजय गांधी ताप केन्द्र मंगठार में टरबाइन की मोटर जली, करोड़ों का नुकसान

डिजिटल डेस्क उमरिया । संजय गांधी ताप केन्द्र मंगठार में टरबाइन के मोटर बाइंडिंग मेंटनेंस के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। गुरुवार को 500 केवी क्षमता वाली मोटर में बैरिंग सुधार का कार्य हो रहा था। बैरिंग बदलकर रोटर डालते ही जैसे मोटर को टेस्टिंग के लिए स्टार्ट किया गया। तभी बाइडिंग में कुछ खराबी के साथ पूरी मोटर जल गई। कंपनी की लापरवाही से चालू हालत की मोटर अधिकारी व निजी कंपनी की भेंट चढ़ गई। जानकारों की मानें तो गड़बड़ी के चलते दोबारा रिन्यूऐशन में दो ढाई करोड़ का खर्च आंका जा रहा है।

पांचवी यूनिट में लगी थी मोटर
500 मेगावाट की पांचवी यूनिट के टरबाइन सिस्टम को पानी प्रेशर डालने के लिए तीन मोटर लगी हुई हैं। गुरुवार को बृस्ट हुई मोटर दिल्ली 500 केवी की बताई जा रही है। गड़बड़ी के बाद हालांकि अतिरिक्त मोटर से कार्य चल रहा था। गनीमत रही कि पावर प्लांट की पांचों युनिट को इससे नुकसान नहीं हुआ। देर शाम तक सभी से बिजली उत्पादन लिया जा रहा था।

दो से ढाई लाख का टेण्डर
मोटर सुधार के लिए एमपीईबी ने 10 दिन पहले ही टेण्डर जारी किया था। दो लाख से अधिक की लागत में तीन दिन पहले कार्य शुरु हुआ। मेंटनेंस के पूर्व सभी उपकरण पूरी तरह चालू हालत में थे। सूत्रों के मुताबिक मोटर बाइडिंग को निकालकर रोटर लगाने का कार्य हुआ। जैसे ही टेस्टिंग के लिए मोटर को शुरु किया गया, इतने में मोटर जल गई। अब सुधार के लिए नई बांइडिंग में 90 लाख खर्च करने होंगे। अन्य उपकरणों सहित यह नुकसान दो करोड़ पार कर जाएगा। इसके पूर्व इन मोटरों का साल 2017 में जुलाई-अगस्त के मध्य आखिरी मेंटनेंस हुआ था।  

छह माह लगेंगे, अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
जानकारों की मानें तो गनीमत रही कि यूनिट में बिजली उत्पादन का कार्य प्रभावित होने से बच गया। वहीं उपकरण की खराबी के चलते अब इसे भोपाल भेल या फिर अनयत्र भेजा जाएगा। 90 लाख की नई बांइडिंग, सुधार के दौरान पूरा सिस्टम नया करवाना पड़ सकता है। करोड़ों के नुकसान की मुख्य वजह सीधे सुधार कंपनी व जिम्मेदार अधिकारियों को माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक यदि यही मेंटनेंस लोकल स्तर पर होता तो तकरीबन 50 हजार में कार्य पूर्ण हो जाता, लेकिन कुछ अधिकारियों ने सांठगांठ कर विद्युत जनरेटिंग कंपनी को करोड़ों के नुकसान पर उतार दिया।

इनका कहना है
सीडब्ल्यू की मेन मोटर में कुछ खराबी हुई है। अधिकारियों को सूचित कर सुधार का कार्य शुरु कर दिया गया है।
केवी विलथरे, डिवीजनल अधिकारी।

 

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