दीवार के नीचे दबने से दो किशोरों की दर्दनाक मौत

दीवार के नीचे दबने से दो किशोरों की दर्दनाक मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-10 15:40 GMT
दीवार के नीचे दबने से दो किशोरों की दर्दनाक मौत

डिजिटल डेस्क, उमरिया। लालपुर मुक्तिधाम में घर समीप बाड़ी में काम कर रहे दो किशोरों पर दीवार गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। गुरूवार सुबह हुई घटना में दो बच्चे नीचे दबने से बुरी तरह घायल हो गए। इनमें से एक जिला अस्पताल पहुंचने के पहले ही दम तोड़ दिया, तो वहीं एक अन्य की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। दर्दनाक हादसे के खबर फैलते ही लालपुर से लेकर जिला अस्पताल में चीख पुकार मच गई। पुलिस ने स्थिति को काबू में करते हुए शव पीएम उपरांत परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

अचानक गिर गई दीवार
पुलिस जानकारी अनुसार गुरुवार सुबह 10 बजे लुड़कू बारी लालपुर श्मशान किनारे कॉलोनी वाले घर की बाड़ी में काम कर रहा था। वहीं पुत्र नितिन (16) अपने साथी सोभित सेन पिता गुड़आ (15) व एक अन्य के साथ मौजूद था। नितिन दोस्त के साथ बाड़ी की एक दीवार में लौकी के पौधे को दीवार के सहारे फेंसिंग में लटकाने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान कमजोर व टेढ़ी सात फीट दीवार अचानक भरभराकर उनके ऊपर आ गिरी। दोनों को भागने का मौका नहीं मिला और दीवार के नीचे ही दब रह गए। बच्चों को तत्काल ईंट हटाकर निकाला गया। इनमे सोभित सेन के सिर में गंभीर चोट आ गई और लगातार खून बह रहा था। लुड़कू बारी ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सोभित को मृत घोषित कर दिया वहीं नितिन ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

निर्माण में की गई अनियमितता
गुरुवार सुबह एक साथ दो बच्चों की मौत से आसपास के इलाके में मौत का सन्नाटा छा गया। स्थल पर गिरी तकरीबन सात फीट ऊंची दीवार पहले से ही कमजोर बताई जा रही है। नीचे की बीम व ऊपर ईंट दीवार टेढ़ी हो चुकी थी। साथ ही उंचाई के साथ ऊपर पिलर भी नहीं खड़ा था। घटिया निर्माण ने दो किशोरों की जान ले ली।

अस्पताल में जुटे सैकड़ों लोग
दूसरी सुबह घटना स्थल से लेकर जिला अस्पताल में परिजनों की चीख पुकार मच गई। जहां लालपुर श्मशान स्थित बाड़ी में मौके पर बच्चों को खून ईंटों के बीच भरा हुआ था। साथ ही बोरवेल की तार भी टूटकर दीवार में फंसी हुई थी। वहीं जिला अस्पताल में दोनों बच्चों को ले जाते ही आसुओं का सैलाब टूट पड़ा। अस्पताल के बाहर परिजनों को मौत की खबर मिलते ही रो-रोकर बुरा हाल था। भीड़ बढ़ते देख डॉक्टरों ने पुलिस की मदद ली। टीआई राकेश उइके दल-बल के साथ मोर्चा सम्भाला। उनके साथ एसआई अल्का पटेल, एएसआई कोमल दीवान सहित अन्य पुलिसकर्मी पीएम होने तक अस्पताल में ही तैनात रहे।

इनका कहना है
भीड़ नियंत्रित करते हुए हमने परिजनों को समझाइश दी है। पीएम उपरांत मृतकों के शव परिजनों के सुपुर्द कर मामले को विवेचना में लिया गया है।
राकेश उइके, टीआई कोतवाली उमरिया

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