नहीं हो रहा शौचालयों का उपयोग, कैसे हो ओडीएफ, चल रहा फालोअप कार्यक्रम

नहीं हो रहा शौचालयों का उपयोग, कैसे हो ओडीएफ, चल रहा फालोअप कार्यक्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-05 11:32 GMT
नहीं हो रहा शौचालयों का उपयोग, कैसे हो ओडीएफ, चल रहा फालोअप कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, उमरिया। पाली विकासखण्ड अंतर्गत  44 ग्रामपंचायतों के 109 गांवो में लगभग 15 सौ अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं। लेकिन इनमें से अधिकतम शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है। लोगों ने इनमें कंडे, लकड़ी, भूसा आदि डाल रखा है, जबकि शौच करने बाहर जाते हैं। शौचालय निर्माण में 12 हजार रुपए व्यय करने के बावजूद लोग बाहर ही शौच कर रहे हैं। यह जानकारी  महिला बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी केन्द्रो द्वारा ओडीएफ फालोअप के दौरान ज्ञात हुआ। जिसे समझाइश के बाद सामानों से खाली कराकर उसे उपयोग करने योग्य बनाया गया है। दर्जनो शौचालय तो ऐसे मिले जिनकेे
दरवाजे ठीक नहीं हैं और कई शौचालयों में पानी नहीं पहुंच रहा है।

ईंधन से खाली कराए शौचालय
बताया गया कि फालोअप अभियान में लगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं नोडल अधिकारियों ने शौचालय जांच के उपरांत घर के लोगों को उसके उपयोग के लिए प्रेरित किया और अपने सामने ही उसे खाली कराया। ग्रामीणों द्वारा कहा गया कि शौचालय उनका है वे अपनी सुविधा के अनुसार उसका उपयोग करेंगे। लेकिन जब अमले द्वारा उन्हे समझाइश दी गई तो वे मान गए और तत्काल खाली कर उसका उपयोग करने का संकल्प लिया।

अभियान में ग्रामीण महिलाओ को भी किया शामिल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने अभियान में उन बुजुर्ग महिलाओं को भी शामिल कर लिया है जिनके घरों में शौचालय बनाए गए हैं और उनका उपयोग भी किया जा रहा है। इन बुजुर्ग महिलाओं की बात सुनकर ग्रामीण जल्दी ही शौचालय उपयोग तथा निर्माण की ओर प्रेरित होते हैं। जिनके घरों में अभी तक शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शरु नही कराई गई है उन्होने शीघ्र ही प्रक्रिया करने का निर्णय लिया है।

ऐसी लिस्ट भी बना रहे हैं
फालोअप दल भ्रमण के समय यह भी देख रहा है कि शौचालय निर्माण किस तरह कराया गया है। कुछ जगह शौचालयों में दरवाजे ऐसे लगा दिए गए है जो बंद ही नहीं होते। इनके कारण भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। कुछ जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं जिन्हे बनाने के लिये अब ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इनके निर्माण की है। इनके निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामपंचायत ने ली लेकिन अब सरपंच व सचिव का पता ही नहीं। इन स्थितियों वाले सभी शौचालयों की सूची बनाई जा रही है। जिसे प्रशासन के समक्ष पेश किया जाएगा।

इनका कहना है
फालोअप कार्यक्रम लगातार चलेगा, इसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं और गांवों की सच्ची तस्वीर भी सामने आ रही है। अब लोग बातों को समझने लगे हैं।
मोनिका सिन्हा परियोजना अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, पाली

 

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