पुणे: सुप्रिया सुले का आरोप - शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है भाजपा

  • सुप्रिया सुले ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निकाली भड़ास
  • भाजपा ने छत्रपति की गद्दी का अपमान किया

Tejinder Singh
Update: 2024-03-28 14:36 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। बारामती से राकां शरदचंद्र पवार गुट की उम्मीदवार सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि भाजपा शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है। इसके लिए ही वह चुनावी मैदान में उतरी है। इसकी कबूली खुद भाजपा के नेताओं ने ही दी है। भाजपा सिर्फ बदले की राजनीति करना चाहती है। कोई भी नेता जो दिल्ली में महाराष्ट्र की आन-बाण-शान के अनुरूप कार्य नहीं करता है, उन्हें खत्म करना ही बीजेपी की नीति है। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र का विकास नहीं करना चाहती, न ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ करना चाहती है। बल्कि उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी कम करने के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे शब्दों में सुले ने बीजेपी पर हमला बोला।

भाजपा ने छत्रपति की गद्दी का अपमान किया

लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए गुरुवार को सांसद सुप्रिया सुले ने बारामती लोकसभा क्षेत्र के वारजे, सनसिटी, हिंगणे, वडगांव के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद मीडिया से सुले ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में राजनीति अलग और पारिवारिक रिश्तें अलग होने चाहिए। यह हमारे परिवार के संस्कार हैं। सातारा से उदयनराजे भोसले की उम्मीदवारी से जुड़े सवाल पर सुले ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी गद्दी का पूरे देश में सम्मान है। पर छत्रपति की गद्दी के उत्तराधिकारी उदयनराजे भोसले को पिछले 15 दिनों से दिल्ली में भाजपा ने लटकाए रखा है। बीजेपी सिर्फ वोटों के लिए छत्रपति का आशीर्वाद चाहती है, लेकिन अभी तक उन्होंने उदयनराजे के टिकट की घोषणा नहीं की। यह भाजपा द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की गद्दी और उदयन राजे का अपमान है। केंद्र की भाजपा सरकार का मराठी लोगों और महाराष्ट्र के खिलाफ बदले की राजनीति का प्रमाण है। ऐसा आरोप भी सुप्रिया सुले ने लगाया।

भाजपा में शामिल होने के बाद मुकदमों का क्या होता है?

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर देश के 600 वकीलों ने न्यायपालिका में बढ़ते हस्तक्षेप पर चिंता जताई है। इसपर सुले ने कहा कि सत्ताधारियों के खिलाफ बोलने वालों को नौकरी से निकाला जा रहा है। उन्हें धमकी भी दी जा रही है। अगर कोई व्यवसायी विपक्षी दलों के बारे में कुछ अच्छा बोलता है, तो उसे जांच एजेंसियों के तहत परेशान किया जाता है। इस सरकार के दौरान विपक्ष के 95 फीसदी नेताओं पर ईडी-सीबीआई ने कार्रवाई की है। हालांकि, उनमें से कुछ लोगों के बीजेपी के साथ जाने के बाद इन मुकदमों का क्या होता है? यह सबको पता है। सातारा और माढा लोकसभा सीटों को लेकर उन्होंने कहा कि इसपर पार्टी के वरिष्ठ नेता फैसला करेंगे।

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