'भारत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, कश्मीर जल्द ही आजाद होगा'

'भारत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, कश्मीर जल्द ही आजाद होगा'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-23 02:13 GMT
'भारत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, कश्मीर जल्द ही आजाद होगा'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा का चीफ हाफिज सईद गुरुवार को नजरबंदी से रिहा होकर बाहर आ गया है। हाफिज ने बाहर आने से पहले ही अपने नापाक इरादों से भारत को खबरदार कर दिया है। पंजाब हाईकोर्ट से रिहा होने के आदेश मिलने के बाद ही हाफिज ने एक वीडियो जारी कर अपनी रिहाई को पाकिस्तान की आजादी की जीत बताया। साथ ही उसने कहा है कि भारत उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है और जल्द ही कश्मीर को भारत से आजादी मिलेगी। बता दें कि सईद इस साल जनवरी से नजरबंद था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने बुधवार को उसे रिहा करने का आदेश दिया था।

 

 

गौरतलब है कि आतंकी सगंठन जमात-उद-दावा की ओर से जारी वीडियो में सईद ने कहा, "जजों ने मेरी रिहाई का हुक्म दिया। इस बात के लिए मैं जजों का शुक्रिया अदा करता हूं। लाहौर हाईकोर्ट से जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद देता हूं। मेरी रिहाई पाकिस्तानी की आजादी की फतह है। इंशा अल्लाह कश्मीर भी आजाद होगा। मेरे और मेरे साथियों की अल्लाह मदद करे कि हम कश्मीर को आजाद करा लें। भारत मुझे नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। कश्मीर की वजह से ही भारत मेरे पीछे पड़ा है।"

1 महीना बढ़ गई थी नजरबंदी की अवधि


बता दें कि सईद की नजरबंदी का समय 30 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था, जो अब खत्म हो चुका है। बोर्ड ने कहा, ‘अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है।’ बता दें कि हाफिज सईद लगातार मुंबई हमलों में शामिल होने की बात को खारिज करता रहा है।

लोगों का मानना है कि चैरिटी संगठन है जमात-उद-दावा


बहुत ही हैरानी की बात है कि जमात-उत-दावा से जुड़े लोग इस संगठन को चैरिटी संगठन मानते हैं, लेकिन अमेरिका का कहना है कि यह लश्कर-ए-तैयबा का ही एक हिस्सा है। 

आपको बता दें कि भारत समेत अमेरिका भी हाफिज सईद को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड मानता है। पाकिस्तानी अदालत की ओर से उसे रिहा किए जाने के फैसले ने भारत की परेशानियों को बढ़ा दिया है। वकील सत्तार साहिल ने कहा, "पंजाब सूबे की सरकार ने हाईकोर्ट के पैनल से सईद की हिरासत को 60 दिनों के लिए और बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया।" 

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