दिखाई ताकत, कोरियाई सीमा में गरजे अमेरिकी बॉमर-लड़ाकू विमान

दिखाई ताकत, कोरियाई सीमा में गरजे अमेरिकी बॉमर-लड़ाकू विमान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-24 02:54 GMT
दिखाई ताकत, कोरियाई सीमा में गरजे अमेरिकी बॉमर-लड़ाकू विमान

डिजिटल डेस्क,वॉशिंगटन डीसी। संयुक्त राष्ट्र के बैन और कई बड़े देशों की चेतावनियों के बाद उत्तर कोरिया अपनी हरकतों से बाज नहीं हैं। उत्तर कोरिया के सनकी तनाशाह किम जोंग लगातार हाईड्रोजन बम का प्रशिक्षण कर रहा है। किम की गुस्ताखियों से अमेरिका का सब्र जवाब देता नजर आ रहा है। शनिवार को किम ने एक बार फिर परमाणु परीक्षण किया था, जिसके बाद शनिवार को ही अमेरिका के बमवर्षक विमानों ने उत्तर कोरिया के पास उड़ाने भरीं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा है कि ये उड़ाने ये दिखाने के लिए भरी गई हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास किसी भी खतरे से निपटने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम को एक बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी रक्षा के लिए पूरी सैन्य क्षमता का इस्तेमाल करेगा। 

मिसाइल परीक्षणों का जवाब

इससे पहले बीते सोमवार को कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर से चार युद्धक और दो बमवर्षक अमेरिकी विमानों ने उड़ान भरी थी। इस अमेरिकी कार्रवाई को उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में किए गए परमाणु और मिसाइल परीक्षणों का जवाब माना जा रहा है।

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उत्तर कोरिया अमेरिकी कार्रवाई पर गुर्राया

अमेरिकी कार्रवाई से परेशान उत्तर कोरिया ने कहा कि जब डाेनल्ड ट्रंप ने प्योंगयोंग के नेता किम जोंग-उन को "रॉकेट मैन" बुलाया तो ऐसी स्थिति में अमेरिकी मुख्य भू-भाग की तरफ रॉकेट छोड़ना अनिवार्य हो गया था। उत्तर कोरिया के इस बयान ने दोनों नेताओं के बीच टकराव को और तेज कर दिया है। 

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह बात कही। हो ने महासभा में कहा, "काफी लंबे और कठिन संघर्ष के बाद अब हम परमाणु शक्ति पैदा करने के अंतिम चरण से महज कुछ कदम दूर हैं। ये सोचना कि विरोधी ताकतों द्वारा कड़े प्रतिबंध लगा देने से उत्तर कोरिया अपने रुख को बदल लेगा, ये महज लाचारी भरी उम्मीद हो सकती है।" 

उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने गुरुवार को महासभा को संबोधित करते हुए उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध की घोषणा की थी। महीने की शुरुआत में ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से प्योंगयांग पर नौवें दौर का प्रतिबंध लगाया था। ये प्रतिबंध प्योंगयांग के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को देखते हुए लगाया गया था।

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