अमेरिका जल्द ही भारत को दे सकता है आर्म्ड प्रिडेटर ड्रोन, जानें क्या है इसकी खासियत

अमेरिका जल्द ही भारत को दे सकता है आर्म्ड प्रिडेटर ड्रोन, जानें क्या है इसकी खासियत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-22 11:57 GMT
अमेरिका जल्द ही भारत को दे सकता है आर्म्ड प्रिडेटर ड्रोन, जानें क्या है इसकी खासियत

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान करने के लिए आर्म्ड ड्रोन के अनुरोध पर अमेरिका विचार कर रहा है। अमेरिका के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि "ट्रंप प्रशासन इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लेगा। भारत अपनी फौज का मॉर्डनाइजेशन करना चाहता है। हम आर्म्ड ड्रोन्स की उनकी मांग पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।" भारतीय वायुसेना का मानना ​​है कि, अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में इससे मदद मिलेगी। बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अमरीकी सरकार से जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी एवेंगर विमान के लिए अनुरोध किया था। 

कहा जा रहा है कि भारतीय वायुसेना को 80 से 100 यूनिटों की आवश्यकता होगी, जिससे यह लगभग 8 अरब डॉलर का सौदा हो जाएगा। सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही 100 ड्रोन्स खरीदने की रिक्वेस्ट की थी। ड्रोन्स की खरीद के बारे में भारत के लंबित अनुरोध को लेकर पूछे जाने पर ट्रंप प्रशासन ने कहा कि "हां हां आर्म्ड फोर्स के आधुनिकीकरण अभियान का यह हिस्सा है, इससे भारत की वायुसेना को मजबूती मिलेगी। इस संबंध में ट्रम्प प्रशासन का विचार पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच 26 जून को एक सफल बैठक के कुछ महीनों बाद आया था, जिसके दौरान अमेरिका ने 22 निहत्थे गार्डियन ड्रोनों को भारत को बेचने की घोषणा की। 


अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि "हम विदेशी सैन्य बिक्री के पक्ष में हैं, इससे वास्तव में हमारे रिश्ते और रक्षा सहयोग में भी मजूबूती मिलेगी। बता दें कि पिछले साल ओबामा प्रशासन ने भारत को प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में नियुक्त किया था। जिसके बाद अब ट्रम्प प्रशासन ने इस रिक्वेस्ट पर विचार उसे और गति दे दी है। अधिकारी ने कहा कि "अमेरिकी नौसेना और भारतीय नौसेना हिंद महासागर और लाल सागर और फारस की खाड़ी में नेविगेशन की स्वतंत्रता तय करने के लिए कई सालों से काउंटर पायरसी प्रयासों पर सहयोग कर रही है।"


आपको याद होगा कि पिछले ही हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिल्लरसन ने कहा था कि एक प्रमुख रक्षा साझीदार के रूप में भारत का दर्जा और समुद्री सहयोग को बढ़ाने के लिए अमेरिका उनके साथ है। पीएम मोदी हमेशा वैश्विक नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों की सराहना करते हैं। हालांकि उन्होंने सशस्त्र ड्रोनों के बारे में कुछ नहीं कहा था।  

प्रिडेटर ड्रोन में क्या है खासियत

प्रिडेटर सी. एवेंजर की खासियत है कि वह अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगाता है। इसमें स्टोर से ऑटोमैटिक लोडिंग सॉल्युशन सिस्टम भी लगा हुआ है, साथ ही दुश्मन देशों के राडार से बचने के लिए इसमें एस शेप्ड एक्जास्ट भी लगा है। इतना ही नहीं टर्बोफैन इंजिन और स्टील्थ एयरक्राफ्ट के तमाम फीचर भी इसमें मौजूद हैं। प्रिडेटर ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई पर 35 घंटे तक रह सकता है। इसके अलावा इस पर 6500 पाउंड का पेलोड (भार) रखा जा सकता है। बता दें कि भारत फिलहाल इजरायल द्वारा खरीदे गए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है। भारत को अगर प्रिडेटर सी. एवेंजर मिल जाता है तो वह पाकिस्तान ही नहीं चीन पर भी नजर रख सकेगा और देश में होने वाली किसी भी बड़ी घटना को पहले से रोकने के लिए तैयार रहेगा।

प्रिडेटर सी. एवेंजर अपने बेस से उड़ान भरने के बाद 1800 मील (2,900 किलोमीटर) उड़ सकता है। साथ ही सही समय पर जमीन और समंदर दोनों में मिलिट्री मिशन को अंजाम दे सकता है। इन्हें नेक्स्ट जेनरेशन ड्रोन भी कहा जाता है। 

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