'सीमा पर शांति के लिए जरूरी है कि चीन यथास्थिति में बदलाव न करे' : भारतीय राजदूत

'सीमा पर शांति के लिए जरूरी है कि चीन यथास्थिति में बदलाव न करे' : भारतीय राजदूत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-24 17:04 GMT
'सीमा पर शांति के लिए जरूरी है कि चीन यथास्थिति में बदलाव न करे' : भारतीय राजदूत

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने डोकलाम गतिरोध से सबक लेते हुए चीन को अपनी यथास्थिति में बदलाव न करने के लिए कहा है। हॉन्गकॉन्ग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि डोकलाम समस्या चीन द्वारा अपनी यथास्थिति में बदलाव करने के कारण पैदा हुई थी, यदि फिर से सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन अपनी स्थिति में बदलाव लाता है तो डोकलाम जैसी समस्या एक बार फिर पैदा हो सकती है।

बंबावले ने कहा, "डोकलाम में आज कोई तब्दीली नहीं हो रही है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि चीनी सेना द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में ढांचागत निर्माणकार्य तेज कर दिया गया है। हालांकि यह उनके क्षेत्र में है और संवेदनशील क्षेत्र से काफी पीछे है इसलिए भारत को इसपर कोई आपत्ति नहीं है।" बंबावले ने कहा कि भारत और चीन अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन हां जब संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण कार्य करना हो तो पड़ोसी देश को इस पर सूचना देनी चाहिए कि हम यहां सड़क या कुछ और बनाने जा रहे हैं। अगर दूसरा पक्ष इस पर सहमत नहीं है, तो वह कह सकता है कि आप यथास्थिति बदल रहे हैं। इस पर फिर बातचीत के जरिए आगे बढ़ना चाहिए।"

बंबावले ने साक्षात्कार में भारत-चीन के बीच आपसी संवाद बढ़ाने की भी बात रखी। उन्होंने कहा, "विवाद से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि स्पष्ट और खुलकर बातचीत की जाए। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण न होने को भी एक बड़ी समस्या माना है। उन्होंने कहा, "भारत-चीन सीमा बेहद लंबी और अचित्रांकित है। भविष्य में तनाव से बचने के लिए जरूरी है कि दोनों देश एक- दूसरे से बात कर इस सीमा रेखा का निर्धारण करें।"

इस दौरान चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कोरिडोर (CPEC) के मुद्दे पर भी बंबावले ने भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, "किसी देश की परियोजना से किसी अन्य देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए, लेकिन CPEC से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन होता है। इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।"

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