चीन के प्रोजेक्ट 'बेल्ट ऐंड रोड' का सच हुआ उजागर, रिसर्च ने खोली पोल

चीन के प्रोजेक्ट 'बेल्ट ऐंड रोड' का सच हुआ उजागर, रिसर्च ने खोली पोल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-17 18:03 GMT
चीन के प्रोजेक्ट 'बेल्ट ऐंड रोड' का सच हुआ उजागर, रिसर्च ने खोली पोल
हाईलाइट
  • इस रिपोर्ट में बताया है कि सिल्क रोड प्लान का उद्देश्य चीन के राजनीतिक प्रभाव और उसकी सैन्य मौजूदगी को विस्तार देना है।
  • C4ADS एक गैर लाभकारी रिसर्च इंस्टिट्यूट है
  • जिसे डेटा ऐनालिसिस और सिक्यॉरिटी से जुड़े मसलों पर महारत हासिल है।
  • अमेरिका के एक रिसर्च ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि इस प्रोजेक्ट का असल मकसद सामरिक उद्देश्यों को पूरा करना है।
  • इसके तहत चीन 60 से ज्यादा देशों और दुनि

डिजिटल डेस्क, हॉन्ग कॉन्ग। पिछले काफी समय से चीन अपने प्रोजेक्ट बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव को लेकर काफी महत्वाकांक्षी नजर आया है। चीन हमेशा से ही इस प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला बताया रहा है, मगर अमेरिका की एक रिसर्च रिपोर्ट ने इसका भांडाफोड़ दिया है। अमेरिका के एक रिसर्च ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि इस प्रोजेक्ट का असल मकसद सामरिक उद्देश्यों को पूरा करना है।

अमेरिका की रिसर्च ग्रुप C4ADS ने मंगलवार को ही अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया है कि सिल्क रोड प्लान का उद्देश्य चीन के राजनीतिक प्रभाव और उसकी सैन्य मौजूदगी को विस्तार देना है। वहीं जब चीन के विदेश मंत्रालय से इस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस रिपोर्ट के निष्कर्षों को सिरे से खारिज कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन कोई भू-राजनैतिक गेम नहीं खेल रहा है। उन्होंने कहा कि "बेल्ट ऐंड रोड" प्रॉजेक्ट सिर्फ आर्थिक सहयोग और इन्फ्रस्ट्रक्चर के जरिए साझा विकास को बढ़ावा देने के लिए है।

C4ADS एक गैर लाभकारी रिसर्च इंस्टिट्यूट है, जिसे डेटा ऐनालिसिस और सिक्यॉरिटी से जुड़े मसलों पर महारत हासिल है। उसने पेइचिंग के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के असल मकसद के विश्लेषण के लिए चीन के ऑफिशल पॉलिसी डॉक्युमेंट्स और चीनी विश्लेषकों की अनऑफिशल रिपोर्ट्स का अध्ययन किया। C4ADS की रिपोर्ट ने चीन के अरबों डॉलर की उसकी "बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव" परियोजना सिर्फ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले दावे को झूठा बताया है।

रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के तहत रोड, रेलवे, बंदरगाह, पावर प्लांट और दूसरे इन्फ्रस्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स के जरिए चीन को दक्षिण-पूर्वी एशिया, यूरोप और अफ्रीका से जोड़ने की दिशा में काम हो रहा है। इसके तहत चीन 60 से ज्यादा देशों और दुनिया की करीब 65 फीसदी आबादी को कनेक्ट करना चाहता है। बता दें कि C4ADS ने बांग्लादेश, श्री लंका, कंबोडिया, ऑस्ट्रेलिया, ओमान, मलयेशिया, इंडोनेशिया, जिबूती और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अन्य जगहों पर चीन के सहयोग वाले 15 पोर्ट प्रॉजेक्ट्स का विश्लेषण किया।

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