ब्रह्मपुत्र के पानी को डायवर्ट करेगा चीन, बनाएगा 1000 km लंबी सुरंग

ब्रह्मपुत्र के पानी को डायवर्ट करेगा चीन, बनाएगा 1000 km लंबी सुरंग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-30 15:24 GMT
ब्रह्मपुत्र के पानी को डायवर्ट करेगा चीन, बनाएगा 1000 km लंबी सुरंग

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को शिनजियांग प्रांत के बंजर इलाके में ले जाने के लिए 1,000 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रहा है। यह अपनी तरह की दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी। इस प्रॉजेक्ट पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। चीन इसकी प्लानिंग में जुटा हुआ है। फिलहाल इसके लिए कुछ एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने हाल ही में इस लंबी सुरंग को बनाने की क्षमता के परीक्षण के लिए पहले एक छोटी सुरंग के प्रॉजेक्ट पर काम शुरू किया है।


अगस्त में शुरू हुआ युन्नान प्रोजेक्ट 
खबर में बताया गया है कि चीन ने अगस्त माह में युन्नान प्रांत के मध्य में इस सुरंग का निर्माण शुरू किया है, जो 600 किलोमीटर से ज्यादा लंबी होगी। चीन के इंजीनियर इस सुरंग के निर्माण के जरिए उस तकनीक को आजमाएंगे जिसके जरिए यारलुंग जांग्बो का पानी तिब्बत से शिनजियांग तक ले जाया जाएगा। ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यारलुंग जांग्बो कहा जाता है। यह सुरंग तिब्बत के पठार से नीचे की ओर कई जगहों पर जाएगी जो वॉटरफॉल्स से जुड़ी होगी। रिपोर्ट में एक इंजीनियर के हवाले से बताया गया है कि प्रस्तावित सुरंग शिनजियांग को कैलिफोर्निया बना देगी।


पूर्वाभ्यास की तरह है यह परियोजना
युन्नान सुरंग प्रॉजेक्ट एक तरह से तिब्बत-शिनजियांग सुरंग के लिए नई तकनीक, इंजीनियरिंग के तरीकों और उपकरणों के इस्तेमाल का पूर्वाभ्यास होगा। गौरतलब है कि तिब्बत के पठार में चीन के प्रॉजेक्ट्स की वजह से नदी का प्रवाह प्रभावित होने को लेकर भारत पहले से चिंतित है। ब्रह्मपुत्र को डायवर्ट करने पर चीन ने कभी सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है क्योंकि इसका खामियाजा भारत और बांग्लादेश को भुगतना पड़ेगा। अगर ब्रह्मपुत्र की धारा को डायवर्ट किया गया तो इससे भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से और बांग्लादेश में या तो बाढ़ आएगी या फिर पानी का प्रवाह बहुत कम हो जाएगा। 2013 में भारत ने ब्रह्मपुत्र पर चीन के हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। 


भारत में ला सकता है महाविनाश 
हाल ही में चीन ने ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी पर बांध बनाने की घोषणा की थी। 2001 में तिब्बत में बना एक कृत्रिम बांध टूट गया था, जिसके चलते 26 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी के पास 140 करोड़ से अधिक की संपत्ति को नुकसान हुआ था। चीन की यह परियोजना भारत के लिए एक बड़े संकट की तरह है। चीन जब चाहे इससे भारत में महाविनाश मचा सकता है।

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