प्रवासी नीति पर ट्रंप ने बदला अपना फैसला, परिवार के साथ रह सकेंगे प्रवासी लोग

प्रवासी नीति पर ट्रंप ने बदला अपना फैसला, परिवार के साथ रह सकेंगे प्रवासी लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-21 03:24 GMT
प्रवासी नीति पर ट्रंप ने बदला अपना फैसला, परिवार के साथ रह सकेंगे प्रवासी लोग

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका में प्रवासी नीति पर राष्ट्रपति ट्रंप ने अपना ही फैसला बदल दिया है। ट्रंप ने उस सरकारी अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए है जो बॉर्डर पर प्रवासी परिवारों को अलग करने पर रोक लगाने के लिए था। अमेरिकी प्रेसीडेंट ने कहा कि ये ऑर्डर प्रवासी परिवारों के साथ रहने को लेकर है। ट्रंप ने कहा कि, उन्हें परिवारों का बिछड़ना अच्छा नहीं लगता। गौरतलब है कि प्रवासी परिवारों को अलग करने का फैसला भी पहले ट्रंप ने ही लिया था, लेकिन दुनियाभर में इस फैसले की आलोचना को देखते हुए उन्हें इसे बदलना पड़ा। ट्रंप की ये नीति अमेरिकी सीमा पर रहने वाले प्रवासी परिवारों के लिए थी, जिसमें कई बच्चों को अपने माता-पिता से अलग होना पड़ता।

प्रवासी परिवारों को अलग करने के फैसले पर ट्रंप के खिलाफ न केवल दुनियाभर में आवाज उठी बल्कि उनके खुद के घर पर भी इस फैसले का स्वागत नहीं हुआ। ट्रंप की पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलेनिया ट्रंप ने ही राष्ट्रपति की इस नीति की आलोचना की थी। आमतौर पर मेलेनिया ट्रंप नीतिगत मुद्दों पर अपनी राय बहुत कम ही जाहिर करती हैं, लेकिन उन्हें प्रवासी परिवारों को अलग करने की ट्रंप की नीति बिल्कुल पसंद नहीं आई और अपने प्रवक्ता के जरिए उन्होंने कहा कि, बच्चों को उनके परिवारों से अलग होते देखने से उन्हें नफरत है।

मेलेनिया के अलावा पूर्व रिपब्लिकन प्रेसीडेंट जॉर्ज डब्ल्यू बुश की पत्नी लॉरा बुश को भी ट्रंप की नीति बेहद क्रूर लगी थी। लॉरा बुश ने कहा था कि बच्चों को मां-बाप से जुदा करने वाली ये नीति अनैतिक है और ऐसा सुनकर ही उनका दिल बैठ जाता है।

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 19 अप्रैल से 31 मई के दरम्यान 2,000 बच्चे अपने मां-बाप एवं अभिभावकों से अलग हुए हैं। इन सभी को खास तरह के केंद्रों में रखा गया है। ये सब ट्रंप की उस पॉलिसी का हिस्सा था, जिसमें रिफ्यूजी लोगों को अमेरिका द्वारा जरा भी बर्दाश्त नहीं करने की बात कही गई थी। ट्रंप की इस जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को उस वक्त भारी विरोध का सामना करना पड़ा था, जब मां-बाप से जुदा होते बच्चों की तस्वीरें और कहानियां मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची। इन तस्वीरों और भावुक कहानियों से ट्रंप के फैसले की चारों तरफ आलोचना होने लगी थी।

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई थी जिसमें अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से घुसने वाले लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया जाता था। ऐसे लोगों के बच्चों को उनसे अलग कर कस्टडी केंद्रों में भेजा जाने लगा था। ऐसे ही एक कस्टडी केंद्र में रहने वाले बच्चे की ऑडियो क्लिप हाल ही में वायरल हुई थी, जिसमें बच्चा अपने पिता को याद कर रोते हुए स्पेनिश में पापा-पापा चिल्ला रहा था। इस ऑडियो क्लिप को सुनने वाले लोगों ने भी इस ट्रंप की नीति को क्रूर माना था।

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