FATF की पाक को चेतावनी, 2020 तक पूरा करें एक्शन प्लान नहीं तो.. ब्लैकलिस्ट

FATF की पाक को चेतावनी, 2020 तक पूरा करें एक्शन प्लान नहीं तो.. ब्लैकलिस्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-18 10:21 GMT
FATF की पाक को चेतावनी, 2020 तक पूरा करें एक्शन प्लान नहीं तो.. ब्लैकलिस्ट

डिजिटल डेस्क, पेरिस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। हालांकि उसे चेतावनी दी गई है कि अगर तय समय में उसने एक्शन प्लान पूरा नहीं किया तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

एफएटीएफ ने कहा कि 27 सूत्रीय एक्शन प्लान पर खराब प्रदर्शन के आधार पर पाकिस्तान को "ग्रे लिस्ट" में बनाए रखने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 27 टास्क में से केवल 5 टास्क को पूरा किया जो उसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों की टेरर फंडिंग को रोकने के लिए दिए गए थे। 

अगर फरवरी 2020 में तक पाकिस्तान के एक्शन प्लान में महत्वपूर्ण और स्थायी प्रगति नहीं की देखी गई तो एफएटीएफ कार्रवाई करेगा। इस कार्रवाई में FATF ईरान की तरह वैश्विक वित्तीय संस्थानों को पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों और लेन-देन पर विशेष ध्यान देने के लिए कह सकता है। बता दें कि ईरान पहले से ही ब्लैकलिस्ट है। 

इससे पहले डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मंगलवार को पेरिस में एक बैठक में एफएटीएफ ने उन उपायों की समीक्षा की जो पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए हैं।

डॉन न्यूज ने बताया था कि चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान के उठाए गए कदमों की सराहना की। किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है।

मंगलवार की बैठक में भारत ने उन रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की, जिसमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद को अपने फ्रोजन अकाउंट से पैसे निकालने की अनुमति दे दी है। बैठक में 205 देशों, आईएमएफ, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

बता दें कि पाकिस्तान को पिछले साल जून में पेरिस स्थित संस्था FATF ने ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और 27-पॉइंट एक्शन प्लान को लागू करने के लिए 15 महीने का समय दिया था। यदि पाकिस्तान "ग्रे लिस्ट" में बना रहता है, तो देश के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। 

इससे उसकी वित्तीय स्थिति और अनिश्चित हो जाएगी। पाकिस्तान को हर तीन महीने में FATF को अपने प्रदर्शन की रिपोर्ट करना पड़ता है।

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