पूर्व पाक प्रेसिडेंट जरदारी एक और मामले में गिरफ्तार, NAB कोर्ट में होंगे पेश

पूर्व पाक प्रेसिडेंट जरदारी एक और मामले में गिरफ्तार, NAB कोर्ट में होंगे पेश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-01 17:49 GMT
पूर्व पाक प्रेसिडेंट जरदारी एक और मामले में गिरफ्तार, NAB कोर्ट में होंगे पेश
हाईलाइट
  • जरदारी को NAB ने मल्टी-मिलियन डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया
  • पार्क लेन प्रॉपर्टी केस में पाक के पूर्व राष्टपति को गिरफ्ताकर किया गया है
  • मंगलवार को उन्हें एकाउंटबिलिटी कोर्ट में पेश किया जाएगा

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को सोमवार को नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने मल्टी-मिलियन डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। जरदारी पर पार्क लेन संपत्ति में शेयरधारक के तौर पर पैरेथॉन नाम से फर्जी कंपनी चलाने का आरोप है। पूर्व राष्ट्रपति ने पैरेथॉन के नाम पर नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान से 1.5 बिलियन रुपये का ऋण लिया और एक निजी बैंक में कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिया।

जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर पहले से ही लाखों डॉलर के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो जुलाई तक NAB की हिरासत में हैं। मंगलवार को एकाउंटेबिलिटी कोर्ट के सामने जरदारी को उन पर लगे आरोपों को लेकर पेश होना है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच अधिकारी जरदारी की रिमांड को एक्सटेंड करने का अनुरोध करेंगे। जबकि एक अन्य अधिकारी पार्क लेन मामले में जरदारी की रिमांड का अनुरोध करेगा। अगर अदालत ने दोनों मामलों में जरदारी की फिजिकल रिमांड को मंजूरी दे दी, तो जांच अधिकारियों को उनके संबंधित मामलों में पूछताछ करने का अधिकार मिल जाएगा।

2007 में भुट्टो की हत्या के बाद जरदारी पीपीपी के सह अध्यक्ष बने थे। इस्लामाबाद हाईकोर्ट से अपना अंतरिम जमानत आवेदन वापस लेने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। जरदारी ने कहा कि उन्होंने अपनी अर्जी इसलिए वापस ले ली क्योंकि यदि उन्हें जमानत मिल जाती तो NAB उन पर और फर्जी मामले लाद देती।

बता दें कि पार्क लेन एस्टेट कंपनी कराची स्थित रियल एस्टेट फर्म है। भ्रष्टाचार रोधी वॉचडॉग ने उनके और उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी के खिलाफ जांच शुरू की थी। जरदारी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से फ़ॉरेस्ट ज़मीन को अवैध रूप से ट्रांसफर कर दिया। बिलावल को 12 जून को मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी। दूसरी ओर, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 4.4 बिलियन रुपये के गबन का है।

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