वाशिंगटन में क्षतिग्रस्त गांधी की प्रतिमा को किया जा रहा ठीक

वाशिंगटन में क्षतिग्रस्त गांधी की प्रतिमा को किया जा रहा ठीक

IANS News
Update: 2020-06-10 18:01 GMT
वाशिंगटन में क्षतिग्रस्त गांधी की प्रतिमा को किया जा रहा ठीक

न्यूयॉर्क, 10 जून (आईएएनएस)। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में पुलिस विरोधी प्रदर्शन के दौरान क्षतिग्रस्त की गई महात्मा गांधी की प्रतिमा को ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया है। अमेरिका की राष्ट्रीय उद्यान सेवा (एनपीएस) ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

स्मारक पार्क के लिए संचार मामलों के एनपीएस प्रमुख माइक लिट्टरेस्ट ने आईएएनएस से एक ईमेल में कहा कि महात्मा गांधी की प्रतिमा को ठीक करने के लिए भारतीय दूतावास के साथ एक संरक्षक भी काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, हमारे कर्मचारियों ने दूतावास के कर्मियों के साथ बात की है और एक संरक्षक का नाम प्रदान किया गया है, जो हम समझते हैं कि पत्थर पर अधिकांश भित्तिचित्रों को हटाने में सक्षम है और वहां आज (बुधवार) भी काम जारी है।

उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा को ठीक किए जाने को लेकर काम लगातार किया जा रहा है। हालांकि आईएएनएस ने भारतीय दूतावास से भी संपर्क करने की कोशिश की, मगर इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी।

ज्ञात हो कि अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद भड़की हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को स्प्रे पेंटिंग से नुकसान पहुंचाया गया था। यह घटना गत दो जून की है, जब नारंगी पेंट का इस्तेमाल करते हुए यहां भारत विरोधी नारे लिखने के साथ ही प्रतिमा को भी खंडित किया गया था।

भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने प्रतिमा को खंडित किए जाने को लेकर माफी भी मांगी है।

विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों के साथ-साथ उनका समर्थन करने वाले राजनेताओं ने चुप्पी साध रखी है।

आईएएनएस द्वारा देखी गई बर्बरता की तस्वीरों में एक तरफ गांधी पर व्यक्तिगत हमलों को चित्रित किया गया है और दूसरी तरफ एक भारत-विरोधी नारा भी उकेरा गया है।

वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने सन् 2000 में किया था।

अमेरिकी कांग्रेस ने 1998 में सरकारी भूमि पर मूर्ति के निर्माण के लिए एक विधेयक भी पारित किया था।

इस 2.6 मीटर ऊंची प्रतिमा को मूर्तिकार गौतम पाल द्वारा डिजाइन किया गया है और इसमें गांधी को सन् 1930 के नमक सत्याग्रह का नेतृत्व करते हुए दिखाया गया है। यहां उनका संदेश, मेरा जीवन मेरा संदेश है को दर्शाया गया है।

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