दुनिया के सबसे अमीर देश सऊदी की नाक में दम किए हुए है यह आतंकी संगठन, यमन की सेना से दिनदहाड़े लूट लिए थे Tanks-मिसाइलें

दुनिया के सबसे अमीर देश सऊदी की नाक में दम किए हुए है यह आतंकी संगठन, यमन की सेना से दिनदहाड़े लूट लिए थे Tanks-मिसाइलें

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-06 05:46 GMT
दुनिया के सबसे अमीर देश सऊदी की नाक में दम किए हुए है यह आतंकी संगठन, यमन की सेना से दिनदहाड़े लूट लिए थे Tanks-मिसाइलें

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। यमन के ईरान समर्थित हाउती मिलिशिया ने कहा कि उन्होंने 2020 में सऊदी अरब के सीमावर्ती शहरों में 75 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एक बयान में, समूह के सैन्य प्रवक्ता याहया सराया ने कहा कि मिलिशिया ने पिछले वर्ष में सरकारी सैन्य स्थलों को लक्ष्य करके यमनी शहरों में अन्य 178 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष मिलिशिया ने सऊदी अरब पर 267 बम से लदे ड्रोन हमले और यमनी शहरों के अंदर यमनी सरकार पर 180 अन्य ड्रोन हमले किए। पिछले साल, हाउती मिलिशिया ने सऊदी अरब पर सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों को भी तेज कर दिया था, लेकिन सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन के बयानों के अनुसार अधिकांश हमलों को रोक दिया गया था। विद्रोही समूह ने पिछले साल यमनी सरकार के कब्जे वाले शहरों पर हमले तेज कर दिए, जिसमें सरकार के बयानों के मुताबिक सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हुए। 

कौन है हाउती मिलिशिया... 

हाउती एक इस्लामिक राजनीतिक और आतंकी संगठन है जो 1990 के दशक में उत्तरी यमन से उभरा था। इसकी अपनी एक सेना है। 2004 से हाउती विद्रोहियों ने लगातार यमन सरकार के साथ युद्ध किया है। पहले छह वर्षों में, हाउती ने अपने प्रांतों में गुरिल्ला युद्ध लड़ा, लेकिन 2010 के बाद, वे सबसे शक्तिशाली सैन्य आर्मी बन गए और इसने यमन के तीन सबसे बड़े शहरों पर कब्जा कर रखा है। देखते ही देखते इस आतंकी संगठन ने उन्नत हथियारों को अपने नियंत्रण में ले लिया, जिन्हें उन्होंने पहले कभी नियंत्रित नहीं किया था। अब सैकड़ों ईरानी मूल के लोग इस संगठन में शामिल हैं और यह लगातार साऊदी अरब पर हमला करते रहते हैं। साऊदी अरब सिर्फ तेल के कुओं के लिए बिख्यात है और वह इस तरह के संगठनों से बचने के लिए अमेरिका की मदद समय-समय पर लेता रहता है। बम से हमले में कई तेल के कुओं में भीषण आग भी लग चुकी हैं और लगातार यह आतंकी संगठन साऊदी अरब की नाक में दम किए हुए है। 

हाउती विद्रोहियों ने ही यमन की राजधानी सना में देश के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की हत्या कर दी थी।  उल्लेखनीय है कि इसके बाद सियासी खींचतान और अस्थिरता के बीच 2015 में यमन में गृहयुद्ध शुरू हुआ। सालेह के बाद राष्ट्रपति बने अब्दरब्बू मंसूर हादी को देश छोड़कर सऊदी अरब भागना पड़ा। सऊदी अरब समर्थक देश यमन में हाउती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। (इनपुट आईएएनएस)

 

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