इमरान ने कहा, अखबार में बैठा है माफिया, विपक्ष व पत्रकारों ने किया पलटवार

इमरान ने कहा, अखबार में बैठा है माफिया, विपक्ष व पत्रकारों ने किया पलटवार

IANS News
Update: 2019-12-27 15:01 GMT
इमरान ने कहा, अखबार में बैठा है माफिया, विपक्ष व पत्रकारों ने किया पलटवार

पिंड दादन खान (पाकिस्तान), 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश में मौजूद माफिया विकास की राह का रोड़ा बना हुआ है और अखबारों में भी माफिया बैठा हुआ है। इसका काम ही बुरी खबरों को प्रकाशित करना है।

इमरान ने गुरुवार को पंजाब प्रांत के पिंड दादन खान में एक नहर परियोजना की आधारशिला रखने के दौरान कहा, मुल्क में माफिया मौजूद है। यह तरक्की की राह में रोड़ा है। अखबार में भी माफिया बैठा है। रोजाना बुरी खबरें देता है। कई पत्रकार पुरानी व्यवस्था में पैसे बनाते थे। अब इनकी यह रोजी बंद हो गई है, इसलिए खिलाफ लिख रहे हैं।

इमरान ने इसी के साथ कहा, भ्रष्ट नेताओं का माफिया रोज सरकार के खिलाफ शोर मचाता है। इन्हें जेल जाने का डर है। अगला साल इनके लिए बहुत बुरा होगा। यह और चीखेंगे। सारे चोर-डाकू मिलकर शोर मचाएंगे। जो जितना बड़ा चोर, उसका उतना ही बड़ा शोर। जनता को मेरे साथ खड़ा होना होगा। साल 2020 में आपको तब्दीली और खुशहाली नजर आएगी।

इमरान की इस टिप्पणी पर विपक्षी दलों की कड़ी प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा, नालायक, अक्षम और सेलेक्टेड प्रधानमंत्री द्वारा मीडिया को माफिया कहना शर्मनाक है। संसद, रोजगार, कारोबार, रोटी को बंद करने वाला मीडिया को माफिया कह रहा है।

पत्रकारों ने भी इमरान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री साफ बताएं कि कौन माफिया है? जिसने पैसा लिया है, उसका नाम बताएं और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करें।

वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के जियो न्यूज चैनल के शो कैपिटल टॉक में वरिष्ठ पत्रकार जावेद चौधरी ने कहा, हमने हमेशा यही देखा है कि जो सरकार जाने वाली होती है, उसे मीडिया में कमियां दिखाई देने लगती हैं। तब उन्हें लगने लगता है कि मीडिया बिका हुआ है। जब नवाज शरीफ की सरकार थी, तो उनका कहना था कि मीडिया इमरान खान के हाथों बिका हुआ है।

हामिद मीर ने कहा, 2012 में हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि सूचना मंत्रालय के पास एक सीक्रेट फंड है जिससे कुछ पत्रकारों को रिश्वत दी जाती है, इसे बंद कराया जाए। अदालत ने न सिर्फ इस फंड को फ्रीज किया बल्कि पैसे लेने वाले पत्रकारों की सूची भी जारी की। हम खुद मीडिया के ऐसे साथियों का पर्दाफाश करते रहे हैं।

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