बौद्ध भिक्षुओं के अलगाववाद से घबराया चीन 

बौद्ध भिक्षुओं के अलगाववाद से घबराया चीन 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-16 12:37 GMT
बौद्ध भिक्षुओं के अलगाववाद से घबराया चीन 

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। भारत में बुद्धिस्ट दीक्षा प्राप्त करने वाले तिब्बत के बौद्ध भिक्षुओं की चीन ने अपने इलाके में आने पर रोक लगा दी है। चीन को डर है कि कहीं यह बौद्ध भिक्षु चीन में अलगाववादी विचारों का प्रचार करना शुरु न कर दें। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी आंशका है कि बौद्ध भिक्षुओं को गलत शिक्षा दी जाती है। जिसके कारण चीन में उनके प्रवेश पर रोक लगाई गई है।     

सिचुआन प्रांत के लिटयांग काउंटी में बौद्ध भिक्षुओं पर बैन लगा दिया गया है। चीन के सरकारी न्यूज पेपर ग्लोबल टाइम्स के अनुसार हमने बौद्ध भिक्षुओं के यहां आने पर रोक इसलिए लगाई है क्योंकि भारत में इन्हें गलत तरीके से ट्रेंड किया जा रहा है। लिटयांग प्रांत के पांरपरिक रुप से धार्मिक तौर पर अफेयर ब्यूरो के अधिकारी ने अखबार से कहा कि हर साल काउंटी की तरफ से देशभक्ति की बात बताई जाती है। इनमें सर्वश्रेष्ठ करने वाले को पुरस्कार से नवाजा जाता है। ऐसे अवार्ड तिब्बतियन बुद्धिस्ट स्टडीज इन इंडिया द्वारा सबसे बड़ा सम्मान दिया जाता है। अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि सही व्यवहार न करने वाले पर हमारी निगाहें है। कोई भी बौद्ध भिक्षुओं यदि किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार करता है तो उसे उचित दण्ड दिया जाएगा।

बता दें कि चीन में धार्मिक मामलों के लिए कमेटी के पूर्व प्रमुख झु वाइकुआन ने कहा कि कुछ गुरुओं को विदेशों में 14वें दलाई लामा के समूह बौद्ध धर्म की शिक्षा मिली होती है अधिकारी ने आगे कहा कि दलाई लामा को चीन में अलगाववाद नेता के नजरिये से देखा जाता है। इसलिए चीन में धर्मगुरुओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए। ताकि ऐसे धर्मगुरुओं को यहां के धर्म गुरुओं के साथ कोई असुविधा को न बढ़ाए और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा न दे सके।

मालूम हो कि चीन में दलाई लामा को अलगाववादी व्यक्ति के रुप में देखा जाता है। दलाई लामा को चीन विरोधी शख्सियत के रुप में देखा जाता है और दलाई लामा हमेशा तिब्बत की आजादी की बात करते हैं।  वहीं चीन के इन आरोपों को दलाई लामा सिरे से खारिज करते आए हैं और फिलहाल वह भारत में शरण लेकर रह रहे हैं।

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