न्यूक्लियर डील मामले में अमेरिका और ईरान आमने-सामने

न्यूक्लियर डील मामले में अमेरिका और ईरान आमने-सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-13 13:12 GMT
न्यूक्लियर डील मामले में अमेरिका और ईरान आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, तेहरान। न्यूक्लियर डील मामले को लेकर ईरान और अमेरिका अब आमने-सामने आ गए हैं। ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "कूड़ा" कहते हुए नए सख्त प्रावधान लाने की मांग की थी। ट्रंप चाहते थे कि न्यूक्लियर डील में संसोधन करते हुए नए प्रावधान लाए जाएं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद ईरान सरकार ने भी चेतावनी दी है। ईरान ने दो टूक कहा है कि इस समझौते में किसी भी तरह के बदलाव को न अभी स्वीकार करेगा और न ही भविष्य में।

बता दें कि शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु प्रतिबंधों की छूट को एक बार फिर बरकरार रखा, लेकिन उन्होंने यूरोपियन पार्टनर्स से मांग की कि वे अमेरिका के साथ मिलकर "डील की भयंकर गड़बड़ियों को दूर करें, नहीं तो अमेरिका खुद को इससे बाहर कर लेगा।" ट्रंप ने कहा कि नई डील ऐसी होनी चाहिए कि ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर रोक लगे और उसके न्यूक्लियर प्लांट्स पर स्थायी तौर पर प्रतिबंध लग सके।

इसके बाद शनिवार को ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने ट्वीट किया, "JCPOA पर फिर से वार्ता नहीं हो सकती। अमेरिका को लगातार भड़काऊ बयान देने के बजाय डील का पूरी तरह सम्मान करना चाहिए, जैसे ईरान कर रहा है। बता दें कि जुलाई 2015 में ईरान का अमेरिका समेत दुनिया की 6 बड़ी ताकतों के साथ परमाणु समझौता हुआ था, जिसे जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ ऐक्शन (JCPOA) नाम से जाना जाता है।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 2015 की डील पर फिर से वार्ता नहीं हो सकती। विदेश मंत्री जरीफ ने कहा है कि न्यूक्लियर डील में किसी भी तरह का संशोधन उसे स्वीकार नहीं है। ईरान किसी भी दूसरे मुद्दे को न्यूक्लियर डील से जोड़ने की इजाजत नहीं देगा।

दरअसल इरान का कहना है कि अमेरिका ने ईरान की गैर-परमाणु गतिविधियों जैसे मानवाधिकार और मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंध जारी रखा है और इस तरह न्यूक्लियर डील से ईरान को जिस वित्तीय फायदे की उम्मीद थी, वह नहीं हो रहा है।

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